Move to Jagran APP

स्टोरी में तथ्यों की सही जानकारी जरूरी : शेखर

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : भारतीय पत्रकारिता के क्षेत्र में शेखर गुप्ता एक बड़ा नाम है। अच्छी पत्रकार

By Edited By: Published: Tue, 01 Sep 2015 01:31 AM (IST)Updated: Tue, 01 Sep 2015 01:31 AM (IST)
स्टोरी में तथ्यों की सही जानकारी जरूरी : शेखर

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : भारतीय पत्रकारिता के क्षेत्र में शेखर गुप्ता एक बड़ा नाम है। अच्छी पत्रकारिता के बुनियादी सिद्धातों में से एक होता है कि तथ्यों से छेड़खानी ना हो। ऐसा मानना है शेखर गुप्ता का जो सोमवार को मीडिया टुडे नॉइज या न्यूज, फिक्शन या फैक्टस विषय पर पंजाब विश्वविद्यालय में व्याख्यान दे रहे थे। पंजाब विश्वविद्यालय कॉलोक्वियम की 26वीं प्रस्तुति दी।

loksabha election banner

पंजाब विश्वविद्यालय के शातिस्वरूप भटनागर सभागार में उन्होंने कहा कि आज मीडिया में भाषा की अनेक संभावनाएं हैं। आज मीडिया के लोग तथ्यों को नजर अंदाज करते हैं। उन्होंने मीडिया में आए दिन आने वाली समस्याओं को उजागर किया। उन्होंने बताया कि आज के परिप्रेक्ष्य में मीडिया को दिक्कत होती है कि वे समाचार को जल्द से जल्द लोगों के सामने लाना चाहते हैं। ऐसे में वे तथ्यों को नजरअंदाज कर जाते हैं जो अच्छी बात नहीं है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के बढ़ते प्रभाव ने इस आपाधापी न्यूज को लोकप्रिय बना दिया है। उन्होंने इस क्षेत्र में आने वाले नए लोगों को संदेश दिया किया जब भी किसी भी स्टोरी पर काम करें तो तथ्यों पर ध्यान जरूर रखें।

स्वतंत्रता की सीमाओं का भी रखे ध्यान

मीडिया की स्वतंत्रता के संबंध में उन्होंने कहा कि आज के समय में मीडिया की स्वतंत्रता बड़ी बात है। हालांकि भारतीय संविधान इस संबंध में केवल अनुच्छेद 19 के अतिरिक्त कुछ स्पष्ट नहीं लिखा है। ऐसे में मीडिया को कई बार कोर्ट के चक्कर लगाने पड़ जाते हैं। इससे मीडिया के लोगों का मनोबल गिरता है। शेखर गुप्ता ने बताया कि आज के परिप्रेक्ष्य में मीडिया के लोगों को तीन चीजों पर ध्यान रखने की जरूरत है। इसमें मोबिलिटी, कनेक्टीविटी व शिक्षा पर ध्यान देने की जरूरत है। मीडिया कर्मियों को अपनी स्टोरी में तथ्यों के साथ साथ नवीनता पर ध्यान देने की जरूरत है।

शेखर गुप्ता पंजाब विश्वविद्यालय के पूर्ववर्ती छात्र रहे हैं, उन्होंने वर्ष 1975-76 में जनसंचार अध्ययन केंद्र से पत्रकारिता में स्नातक परीक्षा पास की थी। वर्ष 2009 में इन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। अपने 37 सालों के पत्रकारिता जीवन में वे कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं के गवाह बनें, जसमें आसाम के नेल्ली नरसंहार, ऑपरेशन ब्लू स्टार, बीजिंग के थियानमेन चौक पर छात्रों का आदोलन, बर्लिन की दीवार का टूटना, बगदाद में पहला खाड़ी युद्ध और अफगानिस्तान में पहले जेहाद जैसी महत्वपूर्ण घटनाओं के साथ-साथ उन्होंने वर्ष 1983-1993 श्रीलंका की तमिल समस्या से उभरने वाली चिंताओं और परिवर्तनों को नजदीक से देखा परखा और समूचे जगत को इससे अवगत करवाया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.