मंडी बोर्ड नहीं बेचेगा सस्ती रेत-बजरी
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ : लोगों के घरों तक सस्ती रेत-बजरी पहुंचाने की योजना पर पूर्ण विराम लग गया है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ : लोगों के घरों तक सस्ती रेत-बजरी पहुंचाने की योजना पर पूर्ण विराम लग गया है। कृषि मंत्री तोता सिंह ने मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को पत्र लिख कर साफ तौर पर रेत-बजरी बेचने से मना कर दिया है। उन्होंने तर्क दिया हैं कि मंडी बोर्ड के पास वैसे भी काफी काम हैं। ऐसे में वह इस काम को अंजाम नहीं दे सकते हैं।
यहां पर बता दें कि लोगों को सस्ती रेत-बजरी देने का यह प्रोजेक्ट उप मुख्यमंत्री सुखबीर बादल का था। पिछले वर्ष कैबिनेट ने इस प्रोजेक्ट को मोहर लगाई थी। कांग्रेस द्वारा रेत-बजरी को लेकर निशाने पर रहने के कारण उप मुख्यमंत्री ने यह योजना बनाई थी, जिसमें इंडस्ट्री डिपार्टमेंट रेत और बजरी का खनन करेगा। उसके बाद मंडी बोर्ड उसे बेचेगा। हालांकि यह भी हकीकत है कि सस्ती रेत-बजरी की योजना पहले ही डिरेल हो चुकी थी। इंडस्ट्री डिपार्टमेंट और मंडी बोर्ड के बीच आपसी तालमेल की कमी के कारण काफी समय से लोगों को सस्ती रेत-बजरी नहीं मिल पा रही थी। वहीं, अब इस योजना पर कृषि मंत्री ने पूर्ण रूप से विराम लगा दिया है।
कृषि मंत्री तोता सिंह कहते हैं कि मंडी बोर्ड के पास वैसे ही काफी काम है। ऐसे में उनका काफी स्टाफ रेत-बजरी में व्यस्त हो जाता था। जिसकी वजह से विभाग का मूल काम बाधित हो रहा था। इसलिए रेत-बजरी को बेच पाना मंडी बोर्ड के लिए खासी मुश्किलें खड़ी कर रहा था।' वहीं, कृषि मंत्री ने इस संबंध में इस संबंध में मुख्यमंत्री को पत्र भी लिख दिया हैं। यहां पर बता दें कि रेत बजरी पंजाब का सबसे गरम मुद्दा रहा हैं। रेत बजरी के कारण कांग्रेस जहां विधान सभा से लेकर सड़क तक सरकार को घेरती रही हैं। वहीं, लुधियाना के बैंस बंधुओं ने भी रेत को लेकर सरकार की मुश्किलें बढ़ाई थी।