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पहली बार एक सितंबर को नहीं मनाया जाएगा प्रकाश पर्व

अशोक नीर, अमृतसर : श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा संशोधित तीसरे नानकशाही कैलेंडर के अनुसार इस बार श्री

By Edited By: Published: Sat, 29 Aug 2015 01:05 AM (IST)Updated: Sat, 29 Aug 2015 01:05 AM (IST)
पहली बार एक सितंबर को नहीं मनाया जाएगा प्रकाश पर्व

अशोक नीर, अमृतसर : श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा संशोधित तीसरे नानकशाही कैलेंडर के अनुसार इस बार श्री गुरु ग्रंथ साहिब के पहले प्रकाश पर्व का स्थापना दिवस एक सितंबर को नहीं मनाया जाएगा। इस बार प्रकाश पर्व 14 सितंबर को मनाया जाएगा।

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श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का पहला प्रकाश पर्व 14 सितंबर को मनाने के लिए एसजीपीसी ने चाटीविंड स्थित गुरुद्वारा शहीदां साहिब की दीवारों पर बड़े-बड़े पोस्टर लगा दिए हैं। संगत पोस्टर पढ़कर धार्मिक पर्व की तिथि बदलने पर गुस्सा भी प्रकट कर रही है। गुरुद्वारा शहीदां साहिब में माथा टेकने गए मंजीत सिंह ने बताया कि कई शताब्दियों से चली आ रही परंपरा व मर्यादा अनुसार एक सितंबर को ही यह दिवस मनाया जा रहा है। नानकशाही कैलेंडर में बार-बार संशोधन किए जा रहे हैं, जिससे संगत भ्रम में है। 2003 में जारी मूल नानकशाही कैलेंडर व संशोधित तीसरे नानकशाही कैलेंडर को लेकर सिख संगत में वैचारिक मतभेद उभरे हैं। पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने तीसरे संशोधित नानकशाही कैलेंडर को अस्वीकार कर दिया है। दिल्ली कमेटी के पूर्व अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना ने भी इसकी कड़ी आलोचना की है।

जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह ने संशोधित तीसरा नानकशाही कैलेंडर लागू करते हुए दावा किया था कि यह कैलेंडर सिर्फ एक वर्ष के लिए है। चौथे नए कैलेंडर को बनाने के लिए 18 सदस्यीय कमेटी बनाई है। इस कमेटी की रिपोर्ट के बाद नया नानकशाही कैलेंडर लागू किया जाएगा, लेकिन अभी तक कमेटी की कोई बैठक नहीं हुई। मूल नानकशाही कैलेंडर तथा दूसरे व तीसरे संशोधित नानकशाही कैलेंडर में श्री गुरु अर्जुन देव जी के शहीदी पर्व को लेकर भी विवाद था। श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व की तिथियों को लेकर मूल नानकशाही कैलेंडर व संशोधित नानकशाही कैलेंडर को लेकर भी मतभेद है। श्री गुरु गोबिंद सिंह जी का प्रकाश पर्व पिछली बार 28 दिसंबर को था। संशोधित नानकशाही कैलेंडर के अनुसार अब दशम पिता का प्रकाश पर्व 16 जनवरी को है। मूल नानकशाही कैलेंडर में दशम पिता का प्रकाश पर्व पांच जनवरी को था।

श्री अकाल तख्त साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी जोगिंदर सिंह वेदांती ने बताया कि नानकशाही कैलेंडर में बार-बार संशोधन हो रहे हैं। पंथ की बदकिस्मती है कि मूल नानकशाही कैलेंडर को लागू करने में धार्मिक इच्छाशक्ति का अभाव रहा है। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह और शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल की जिम्मेदारी है कि नानकशाही कैलेंडर के मुद्दे पर सिखों के बीच पैदा हुए भ्रम को दूर करें। एसजीपीसी के पूर्व सचिव डॉ. गुरबचन सिंह बचन ने कहा कि गुरमति सिद्धांतों को पीछे छोड़ कर डेरावाद के पीछे नानकशाही कैलेंडर को बार-बार संशोधित किया जा रहा है।


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