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घासियाले मैदान पर प्रैक्टिस, सपना पदक का

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ शहर के सबसे पुराने सेक्टर 18 के हॉकी स्टेडियम में खिलाड़ी घास पर ट्रेन

By Edited By: Published: Mon, 03 Aug 2015 01:12 AM (IST)Updated: Mon, 03 Aug 2015 01:12 AM (IST)
घासियाले मैदान पर प्रैक्टिस, सपना पदक का

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़

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शहर के सबसे पुराने सेक्टर 18 के हॉकी स्टेडियम में खिलाड़ी घास पर ट्रेनिंग करने को मजबूर हैं। फिलहाल खेल विभाग का ध्यान यहां पर सिक्स ए साइड टर्फ बिछाने पर है, जबकि स्टेडियम के घास वाले पूरे ग्राउंड को एस्ट्रोटर्फ में बदलने जाना समय की जरूरत बन गई है। सिक्स साइड टर्फ में खिलाड़ी सिर्फ अभ्यास तक सीमित हो कर रहे जाएंगे। जबकि पूरे मैदान में टर्फ बिछने से भविष्य में यहां पर राष्ट्रीय स्तर के टूर्नामेंट का भी रास्ता खुल सकेगा। फिलहाल स्टेडियम बड़े स्तर के टूर्नामेंट के आयोजन से वंचित हैं। वहीं, घास पर असमान उछाल के कारण अभ्यास के वक्त चोट लगने का खतरा बना रहता है। दबे स्वर में कोच और खिलाड़ी भी पूरी टर्फ लगाए जाने की वकालत कर रहे हैं।

अगर पूरी टर्फ बदली जाएगी तभी सही मायने में यह स्टेडियम भावी स्मार्ट शहर का एक हिस्सा बनता दिख सकेगा।

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मैदान पर पूरी एस्ट्रोटर्फ लगने के लाभ

- साठ के दशक में बने इस हाकी स्टेडियम के शहर के बीचो-बीच होने की वजह से ट्रेनिंग के लिए अधिक संख्या में खिलाड़ी जुट सकेंगे।

-टूर्नामेंट के आयोजन के दौरान यहां पर खेल प्रेमियों की भीड़ जुट सकेगी।

-शहर के अन्य प्रमुख हॉकी सेंटर सेक्टर 42 पर बोझ कम पड़ेगा।

-यहां पर टर्फ लगने से नेशनल टूर्नामेंट में खुद तैयार करने के लिहाज से खिलाड़ियों का विकास हो सकेगा।

-एस्ट्रोटर्फ लगने से खासकर स्टेडियम के पास हॉस्टल में रहने वाली लड़कियों की हॉकी अकादमी की खिलाड़ियों के लिए भी आसानी रहेगी

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कैसे हो सकती है सेंटर पर पूरी टर्फ लगाने की व्यवस्था

-स्टेडियम की लॉबी के पास जगह तैयार की जा सकती है।

-स्टेडियम के भीतर टेगौर थियेटर वाली दिशा में बनी स्टेयर्स को हटाकर दीवार बनाई जा सकती है, ताकि टर्फ के लिए जगह बन जाएगी, साथ में ड्रेनेंज सिस्टम भी बन सकता है।

-पवेलियन की दिशा वाली जगह दर्शकों के बैठने की क्षमता बढ़ाई जा सकती है, यहां पर ऊंचे स्टेयर्स लगाए जा सकते है, हाकी के जानकारों की माने तो यहां पर चैजिंग रूम, स्टोर और जिम भी बनाया जा सकता है।

-बाहर की अवैध पार्किंग को हटाया जा सकता है, उस जगह को टूर्नामेंट के दौरान इस्तेमाल में लिया जा सकता है।

-लोग अपने वाहन टैगोर के आस पास जगह का इस्तेमाल करें तो यहां पर पार्किंग की यहां कोई समस्या नहीं आएगी

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क्या है विभाग के तर्क :

'पूरी टर्फ के लिए जगह और पार्किंग की कमी है आस-पास मार्केट और बराबर में टेगौर थियेटर है, इसलिए सिक्स-ए-साइड टर्फ लगाई जा रही है'

-केएस भारतीय जिला खेल अधिकारी खेल विभाग।

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क्या कहते है हॉकी विशेषज्ञ :

'मेरे हिसाब से यहां पूरी टर्फ लगानी चाहिए क्यों कि यह सेंट्रल प्लेस है, यहां से कई खिलाड़ी भी निकल चुके हैं, आधी टर्फ के मैदान पर थोड़ी ही फायदा हो सकेगा'

- नरेंद्र सिंह सोढ़ी पूर्व सहायक कोच भारतीय हॉकी टीम


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