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डीसी आफिस बना अखाड़ा, पथराव-लाठीचार्ज में 22 घायल

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़: सोमवार को जिला उपायुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन करने पहुंचे धनास कच्ची बस्

By Edited By: Published: Mon, 29 Jun 2015 09:20 PM (IST)Updated: Mon, 29 Jun 2015 09:20 PM (IST)
डीसी आफिस बना अखाड़ा, पथराव-लाठीचार्ज में 22 घायल

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़: सोमवार को जिला उपायुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन करने पहुंचे धनास कच्ची बस्ती के प्रदर्शनकारियों व पुलिस के मध्य हुई भिड़ंत में लगभग 10 पुलिस कर्मियों सहित कुल 22 लोग घायल हो गए। इनमें कईयों को हल्की चोटें आई। वहीं उत्तेजित भीड़ ने एक पुलिस अधिकारी को बुरी तरह पीट दिया। घटना की शुरूआत तब हुई जब प्रशासन द्वारा धनास स्थित पैरीफेरी की भूमि पर झोपड़ी बनाकर रह रहे लोगों हटाने के लिए मंगलवार को अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाने के नोटिस के विरोध में सैकड़ों लोग सुबह 10 बजे से अपने छोटे बच्चों के साथ जिला उपायुक्त कार्यालय के बाहर आ डटे। इनमें आम आदमी पार्टी और भाकपा माले के कार्यकर्ता भी थे। प्रदर्शन के मध्य लगभग 3 घंटे से अधिक समय तक प्रशासन मुर्दाबाद की नारेबाजी चलती रही।

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इसी बीच कार्यालय पहुंचे जिला उपायुक्त डॉ. एसबी दीपक कुमार ने प्रदर्शनकारियों के प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए बुलाया। डीसी की कमलजीत सिंह व अन्य के साथ वार्ता चल ही रही थी कि पुलिस ने जिला उपायुक्त कार्यालय के रास्ते में बैठे प्रदर्शनकारियों को हटाने का प्रयास किया। इस बीच प्रदर्शनकारियों और पुलिस में भिड़ंत हो गई। दोपहर लगभग 1 बजे हुए इस घटनाक्रम में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर -बितर करने के लिए लाठी चार्ज किया, प्रदर्शनकारियों ने जमकर पथराव कर पुलिस फोर्स को पीछे हटने को मजबूर कर दिया। दोनों ओर से चले पथराव में कई गाड़ियों की शीशे भी टूट गए और कई पुलिस कर्मियों को भी चोट आई, पुलिस ने आसू गैस के गोले भी छोड़े, आंशू गैस का गोला फटने के कारण एक प्रदर्शनकारी बुरी तरह घायल हो गया।

भीड़ के तितर बितर होने के बाद तहसीलदार अम¨रदर सिंह ने शेष बचे प्रदर्शनकारियों को वहां से हटने को कहा, पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को भी पकड़ा। काफी देर तक माहौल तनावपूर्ण रहा। बाद में कई घायल प्रदर्शनकारी सेक्टर 16 के सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचे तो वहां लाठी चार्ज के दौरान घायल होने से एक सात साल की बालिका की मौत की अफवाह के बाद आंदोलनकारी भड़क उठे और उन्होंने अस्पताल से बाहर आकर सड़क पर जाम लगा दिया। यहां चले लगभग 3 घंटे के प्रकरण के दौरान भीड़ ने एक पुलिस अधिकारी को भी धुन दिया। मौके पर तैनात 10 से अधिक महिला व पुरुष पुलिस कर्मियों के हाथ, पांव व सिर पर चोट आई, जबकि कई प्रदर्शनकारी अस्पताल में इलाज कराने के बाद अपने-अपने घरों चले गए। कईयों ने पुलिस को अपनी गिरफ्तारी भी दी।

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मंगलवार चलना था अतिक्रमण विरोधी अभियान, भड़का मामला

चंडीगढ़ को स्लम मुक्त मनाने के क्रम में प्रशासन ने धनास मार्बल मार्केट के साथ में अवैध कच्ची बस्ती कॉलोनी को हटाने के लिए मंगलवार 30 जून को अभियान चलाने की योजना बनाई। इससे पहले भी धनास में पैरेफेरी की भूमि पर झोपड़ी नुमा कॉलोनी को हटाने के लिए पहले भी दो बार संपदा विभाग ने कार्यक्रम तय किया था। वहीं जिला उपायुक्त डॉ. एसबी दीपक कुमार से मिले स्थानीय निवासियों ने बीते 12-14 वर्षो से धनास की कच्ची कॉलोनी में रहने, राशनकार्ड, आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र भी बने होने, कारोबार भी यहीं होने के कारण उनके घरों को न तोड़ने की गुहार लगाई थी। लोगों की मांग थी कि लाल डोरे की परिधि में लेकर उन्हे राहत दी जाए।

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कुल 16 लोग अस्पताल पहुंचे:

डीसी आफिस पर प्रदर्शन के दौरान लाठीचार्ज और पत्थरबाजी में घायल हुए कुल 16 लोगों को सेक्टर 16 के गवर्नमेंट अस्पताल में भर्ती कराया गया। इन्हें मामूली चोटें आई थीं। अस्पताल में इलाज कर रहे डाक्टरों के मुताबिक इसमें 12 प्रदर्शनकारियों को भर्ती किया गया, जबकि 4 पुलिस के जवान थे। प्राथमिक उपचार देकर सभी को डिस्चार्ज कर दिया गया।


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