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अच्छे दिनों की कमी बजट के बाद भी : सीए

जासं, चंडीगढ़ : द इस्टीट्यूट ऑफ चार्टेड अकाउंटेंट्स ऑफ इडिया (आइसीएआइ) की चंडीगढ़ शाखा ने मंगलावार क

By Edited By: Published: Tue, 03 Mar 2015 07:33 PM (IST)Updated: Tue, 03 Mar 2015 07:33 PM (IST)
अच्छे दिनों की कमी बजट के बाद भी : सीए

जासं, चंडीगढ़ : द इस्टीट्यूट ऑफ चार्टेड अकाउंटेंट्स ऑफ इडिया (आइसीएआइ) की चंडीगढ़ शाखा ने मंगलावार को होटल शिवालिकव्यू में 'आम बजट' पर आधारित सेमिनार किया। सेमिनार में ट्राईसिटी के लगभग 300 सीए जुटे जिन्होंने गत दिनों पेश किए गए बजट के निष्कर्षो पर चर्चा की।

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सेमिनार आयोजित करने का उद्देश्य सीए समुदाय बजट संबंधी एक अप्रैल 2015 से लागू होने वाले प्रावधानों को सदस्यों से अवगत करवाये जिससे की वे आगे अपने क्लाइटों को जानकारी दे सकें। नई दिल्ली स्थित जाने माने डायरेक्ट टैक्स एक्सपर्ट सीए गिरिश आहुजा और टेक्सशन मामलों के विषेशज्ञ सीए अतुल कुमार गुप्ता और सीए संजय गुप्ता सहित अन्य मुख्य वक्ताओं ने देश की मौजूदा आर्थिक स्थिति, चुनौतियों, समाधान और बजट के विभिन्न पहलूओं की आये सीए प्रतिनिधियो के साथ गहनता से विचार विमर्श किया ।

सदस्यों का स्वागत करते हुये आइसीएआइ चंडीगढ़ शाखा के चैयरमैन सीए जसवंत धवन ने वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली द्वारा पेश बजट की प्रशसा करते हुए कहा कि उनके द्वारा एक सकारात्मक बजट पेश करने की भरसक कोशिश की गई है मगर दुर्भाग्यपूर्ण वे देश की जनता को खासा प्रभावित करने में विफल रहे है। लोगों को अच्छे दिन की कमी शायद बजट के बाद भी खलेगी। पर्सनल टैक्सेशन की दरों को छेड़ा नहीं गया है। कारपोरेट टैक्स की दरों में हल्का बदलाव लाकर सिर्फ आइवाश किया गया है, जबकि वैल्थ टैक्स को खत्म करना सरकार की प्रशसनीय कदम है।

चैयरमैन सीए जसवंत धवन के अनुसार सर्विस टैक्स की दरों में ईजाफा न केवल सर्विस इडस्ट्री के लिए धक्का है, बल्कि आम जनता के लिए चोट है। पहली बार छोटे उद्यमियों की ओर कुछ प्रावधान पेश किए गए हैं, परन्तु व्यापक स्तर पर हाउसिंग, ऊर्जा और कृषि क्षेत्र को नजरदाज किया गया है। सोशल सिक्योरिटी स्कीम के कुछ प्रावधान, निकट भविष्य अवधि के लिए कराधान व्यवस्था पर स्पष्टता, सूक्ष्म और लधु उद्योगों के उद्यमियों के लिए मुद्रा बैंक की पहल तथा ऐसी कुछ सकारत्मक पहल है जिन्हे सरकार का सार्थक कदम माना जा सकता है। मेकइंन इडिया की झलक इसमें नदारद है। अंत में सदस्यों ने वक्ते से प्रश्न पूछकर शकाओं को दूर किया ।


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