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गा सेवा से मिलता है पारलौकिक लाभ

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ भगवान ने इस धरा पर आकर स्वयं गौ सेवा की , मनुष्य को अपना स्वरूप दिया ताक

By Edited By: Published: Fri, 31 Oct 2014 07:34 PM (IST)Updated: Fri, 31 Oct 2014 07:34 PM (IST)
गा सेवा से मिलता है पारलौकिक लाभ

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़

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भगवान ने इस धरा पर आकर स्वयं गौ सेवा की , मनुष्य को अपना स्वरूप दिया ताकि हर मनुष्य भगवान की प्रेरणा व पथ का अनुसरण कर सके। इसलिए यह मनुष्य का परम क‌र्त्तव्य है कि वह गो की सेवा करे। यह प्रवचन सेक्टर 40 बी स्थित प्राचीन शिव मंदिर में आयोजित श्रीमद्भागवत् सप्ताह ज्ञान यज्ञ में कथा व्यास पूजनीय पं. दाता राम मिश्रा ने उपस्थित श्रद्धालुओं को दिए।

उन्होंने कहा कि गौ सेवा भागवत प्राप्ति के अन्य साधनों में से एक है। जहां भगवान मनुष्यों के इष्ट देव है वही गौ को भगवान की इष्ट देवी माना गया है। गौ सेवा से लौकिक लाभ तो मिलता ही है, पारलौकिक लाभ की भी प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि हमें परमात्मा के दर्शन बंद आँखों से न करके खुली आँखों से करने चाहिए। भगवान के दर्शन से पाप, ताप, संताप का नाश होता है।


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