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प्रभु के निकट पहुंचाती है कथा : साध्वी भारती

By Edited By: Published: Tue, 29 Jul 2014 08:40 PM (IST)Updated: Tue, 29 Jul 2014 08:40 PM (IST)
प्रभु के निकट पहुंचाती है कथा : साध्वी भारती

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की ओर से श्री शीतला माता मंदिर मनीमाजरा में आयोजित पांच दिवसीय शिव कथा में साध्वी मैथिली भारती ने कहा कि प्रभु की कथा एक सेतु के समान है जो हमें प्रभु के लीला जगत में पहुंचाती है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार ताली बजाने सेकुमुंडेर पर बैठा पक्षी उड़ जाता है ठीक उसी प्रकार कथा रसपान से मन के संदेह रूपी पक्षी उड जाते है। परन्तु जिस प्रकार ताली एक हाथ से नहीं बजती, वैसे ही कथा की महानता सिर्फ वक्ता पर नहीं बल्कि एक योग्य श्रोता पर भी निर्भर करता है। जब व व्यास शुकदेव मुनि जैसा और श्रोता परीक्षित जैसा हो तभी श्री मद्भागवत जैसी पावन कथा की गंगा प्रवाहित होती है। साध्वी ने बताया कि स्वयं महादेव भी ऐसी कथा के पिपासु रहते है। वह भी स्वंय अगस्त्य जी के आश्रम में माता सती के साथ कथा सुनने जाते है। एक बार महादेव ने एक स्थान से मिट्टी उठाकर माथे पर लगा ली, पार्वती जी ने इसका कारण जानना चाहा तो उन्होंने बताया कि इस स्थान पर बहुत समय पहले प्रभु की कथा का पाठ हुआ था। इसी कारण यहां की मिट्टी पवित्र हो गई है। भगवान शिव माता पार्वती को कथा की महानता बताते हुए कहते है - 'पूछहु रघुपति कथा प्रसगा। सकल लोक जग पावन गंगा'। प्रभु राम ही गंगा के सदृश है, इसमें गोता लगाने से सकल मानव समाज पावन हो सकता है। जैसे गंगा मइया किसी के साथ भेदभाव नहीं करती, सभी को अपने अंक मे समेट कर पावन कर देती हैं वैसे ही प्रभु की कथा रूपी गंगा मे भी डुबकी लगाकर नीच से नीच प्राणी भी श्रेष्ठ बन जाता है। पुराणों में, ग्रथों में अनेक ऐसे नाम अंकित है, जिन्होने प्रभु कथा सुनने के बाद अपने नीच कर्मों को श्रेष्ठ कर्मो मे परिवर्तित किया।

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साध्वी जी ने कहा कि प्रभु की कथा महान है, जब उसको सुनकर उस पर अमल करते है तो हमारे कल्याण का कारण बनती है। केवल सुनने भर से नही, अमल करने से कल्याण होता है-देखे गावै तो सुख पावै। कथा का समापन प्रभु की पावन आरती के साथ किया गया।


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