ढाई साल में शहर में लगाने थे 52 हजार मीटर, लग सके दो हजार
जागरण संवाददाता, ब¨ठडा : त्रिवेणी कंपनी को सीवरेज बोर्ड के साथ ब¨ठडा शहर के सीवरेज औ
जागरण संवाददाता, ब¨ठडा : त्रिवेणी कंपनी को सीवरेज बोर्ड के साथ ब¨ठडा शहर के सीवरेज और वाटर सप्लाई का कांट्रेक्ट करना काफी महंगा सौदा साबित हो रहा है। काम समय पर पूरा नहीं कर पाने को लेकर त्रिवेणी पहले ही पेनाल्टी भुगत चुकी है और लगातार शहर के पार्षदों के निशाने पर है। सीवरेज के साथ-साथ कंपनी वाटर सप्लाई के मोर्चे पर भी पिछड़ गई है। करतार कॉलोनी, अमरपुरा और गुरुनानक पुरा जैसे इलाकों में अभी भी पाइप लाइन का काम अधूरा पड़ा है। सीवरेज बोर्ड के साथ हुए समझौते के मुताबिक शहर में 52 हजार से अधिक पानी के मीटर लगाने थे, पर अभी तक केवल दो हजार मीटर ही लगाए जा सके हैं। कंपनी के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने अभी तक दो हजार मीटर ही लगाए जाने की पुष्टि करते हुए बताया कि कंपनी की ओर से इस संबंध में कई बार सीवरेज बोर्ड को पत्र लिखकर मीटर की इंस्पेक्शन कराने के लिए लिखा गया, पर बोर्ड की ओर से कोई जवाब नहीं आया। अधिकारी के मुताबिक करीब दो दिन पहले ही पांच हजार मीटर के इंस्पेक्शन की मंजूरी मिली है। इसकी संबंधित अधिकारी को दस दिन में रिपोर्ट सौंपनी है। उन्होंने बताया कि 52 हजार मीटर लगाने के लिए कंपनी को अभी और कुछ महीने का समय लगेगा। हालांकि, कांट्रैक्ट के मुताबिक त्रिवेनी की समय सीमा दिसंबर में पूरी हो जाएगी।
मीटर लगने से बढ़ेगी निगम की आय
फिलहाल निगम को शहर के 52 हजार से अधिक पानी के कनेक्शनों से प्रति कनेक्शन 105 रुपये किराया वसूल हो रहा है। निगम के अधिकारियों का मानना है कि पानी के मीटर लगने के बाद एक तय सीमा से अधिक पानी इस्तेमाल करने वाले को अतिरिक्त खर्च वहन करना पड़ेगा इससे निगम की आय बढ़ने की संभावना है। इसक अलावा फिलहाल शहर में पीने के पानी की व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है। विशेषतर ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पानी की नियमित सप्लाई नहीं हो पाती। निगम अधिकारियों का मानना है कि मीटर लगने के बाद लोग पानी का दुरुपयोग नहीं करेंगे और जरूरत के मुताबिक पानी भर लेने के बाद नल बंद रहेंगे। इससे पूरे शहर में कहीं भी पानी सप्लाई की दिक्कत नहीं होगी।
अभी फंडिंग की दिक्कत है
त्रिवेनी के डीजीएम वीबी शिवांगी के शहर से बाहर होने के चलते उनसे बात नहीं हो पाई। पर कंपनी के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि कंपनी के स्कोप में वाटर सप्लाई का जितना काम था हालांकि, उससे ज्यादा काम कंपनी कर चुकी है। पर यह भी सच है कि स्कोप में दिया गया काम अभी पूरा नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि स्कोप के बाहर का काम करने के चलते कंपनी को नुकसान उठाना पड़ा है। पाइप खत्म हो गए हैं और फं¨डग की भी दिक्कत है। इसके चलते फिलहाल काम रुका हुआ है। कहा कि निगम और सीवरेज बोर्ड के अधिकारियों के कहने पर कई काम स्कोप के बाहर के करने पड़े।
अभी काम मुकम्मल नहीं हुआ है
सीवरेज बोर्ड के जेई बलविंदर कुमार ने कहा कि अभी करतार कॉलोनी, अमर पुरा और गुरुनानक पुरा में काम
मुकम्मल नहीं हुआ है