कुत्तों की नसबंदी तक ही सीमित हैं योजनाएं
जागरण संवाददाता, ब¨ठडा आवारा कुत्तों के आतंक से हर शहरवासी त्रस्त है, लेकिन शहरवाि
जागरण संवाददाता, ब¨ठडा
आवारा कुत्तों के आतंक से हर शहरवासी त्रस्त है, लेकिन शहरवासियों को कुत्तों के आतंक से निजात दिलाने में नगर निगम पूरी तरह से विफल साबित हो रहा है। हालांकि शहर में दिन ब दिन बढ़ रहे कुत्तों की संख्या को रोकने के लिए निगम की ओर से नसबंदी अभियान जरूर चलाया जा रहा है। इसके बावजूद कुत्तों का आतंक बढ़ते ही जा रहा है।
दरअसल, शहर की सड़कों पर करीब तीन हजार के आसपास आवारा कुत्ते आतंक के 'साम्राज्य' कायम किए हुए हैं। इस संबंधी कई बार निगम हाउस की बैठक में पार्षदों की ओर से जोर-शोर से मुद्दा भी उठाया गया, लेकिन आज तक स्थाई निदान नहीं निकल पाया है। सबसे दिलचस्प बात यह है कि इन आवारा कुत्तों के आतंक से निजात दिलाने हेतु निगम की ओर से कोई विशेष बजट भी नहीं रखा जाता है। हालांकि, निगम अधिकारियों का कहना है कि कुत्तों को पकड़े जाने का कई सामाजिक संगठन पशु अत्याचार का नाम देकर विरोध करना शुरू कर देते हैं। इसी से बचने को लेकर निगम महज नसबंदी चलाने तक ही सीमित है, लेकिन नसबंदी करने के बाद उक्त कुत्तों को उसी मोहल्ले में दोबारा छोड़े जाने से मोहल्ला निवासी सुबह से लेकर सायं तक सहमे ही रहते हैं। रविवार को भी निगम की टीम ने भरत नगर, कमला नेहरू कालोनी, पटेल नगर, ग्रीन एवेन्यू कालोनी से करीब बीस कुत्तों को पकड़ा, लेकिन कुत्तों का दोबारा नसबंदी करके उक्त इलाके में ही छोड़ दिया जाएगा। बहरहाल, शहरवासी शहर में बढ़ रहे आवारा कुत्तों के आतंक से निजात दिलाने के लिए डाग कंपाउंड बनाने की योजना को अमल में लाने की मांग कर रहे हैं। निगम अधिकारी संदीप गुप्ता ने कहा कि शहरवासियों को कुत्तों के आतंक से निजात दिलाने के लिए निगम की ओर से एक डाग कंपाउंड बनाने की योजना है, लेकिन किसी भी व्यक्ति के दिलचस्पी नहीं लेने की वजह से उक्त योजना सिरे नहीं चढ़ पा रही है। इसके बावजूद निगम अन्य बिंदुओं पर विचार कर रहा है, ताकि शहरवासियों को कुत्तों से निजात मिल सके।
मेयर को भी काट चुका है कुत्ता
आवारा कुत्तों का आतंक इस कदर शहर में बरकरार है कि विकास कार्यों का जायजा लेने के लिए निकले मेयर बलवंत राय नाथ को भी गत 17 नवंबर 2016 को कुत्ता अपना शिकार बना चुका है। हालांकि, उक्त घटना घटने के बाद निगम कुत्तों को लेकर सजग जरूर हुआ, लेकिन नतीजा सिफर ही रहा। बहरहाल, उक्त घटना से सहज समझा जा सकता है कि शहर में आवारा कुत्तों का आतंक किस कदर है, क्योंकि एक कुत्ता ने मेयर के पैर में तीन जगह पर काट खाया था। इस दौरान मेयर नाथ के सुरक्षाकर्मी भी मौजूद थे।