बिखरे कुनबे को बचाने में जुटी हरसिमरत
संतोष कुमार शर्मा, ब¨ठडा ब¨ठडा शहरी सीट पर देवर व भाभी के बीच चल रहे सह व मात का खे
संतोष कुमार शर्मा, ब¨ठडा
ब¨ठडा शहरी सीट पर देवर व भाभी के बीच चल रहे सह व मात का खेल दिन-ब-दिन दिलचस्प होता जा रहा है। कांग्रेस प्रत्याशी मनप्रीत बादल की भाभी यानी केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल अब शिअद के बिखर रहे कुनबे को बचाने में जुट गई हैं, ताकि अपने देवर पर मनोवैज्ञानिक बढ़त हासिल की जा सके। हालांकि, शिअद के बिखर रहे कुनबे को बचाने में कितना सफल होती हैं यह तो समय ही बताएगा, लेकिन भाजपाइयों का साथ मिलने के बाद मंगलवार को भाभी के तेवर अपने देवर के प्रति काफी तीखी हो गई और कांग्रेस प्रत्याशी का पहली बार नाम लिए बिना देवर कहकर ही संबोधित करती हैं। इसे राजनीतिक जानकार एक चुनावी रणनीति मान रहे हैं।
ब¨ठडा शहरी सीट का स्वयं केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल अपने देवर व कांग्रेस प्रत्याशी मनप्रीत बादल के खिलाफ चुनावी कमान संभाली हुई हैं। इसके बावजूद चार दिनों में कई वरिष्ठ अकाली नेताओं ने कांग्रेस का दामन थाम लिया, जिसमें अधिकांश पार्षद व पूर्व पार्षद शामिल हैं। इसकी वजह से ब¨ठडा शहरी सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी मनप्रीत बादल शिअद पर मनोवैज्ञानिक बढ़त बनाने में सफल हो गए थे, लेकिन मंगलवार को अचानक अपने बिखरे कुनबे को बचाने के लिए हरसिमरत मैदान में उतरी और कई दिग्गज अकाली नेताओं के साथ गुफ्तगू कर बागियों को दोबारा वापस लाने का निर्देश भी दिया। इसके बाद पार्टी छोड़कर जा चुके कई वरिष्ठ अकाली नेताओं को वापस शिअद में लाने के लिए अंदरखाते कवायद भी शुरू हो गई, जिसके लिए कुछ भाजपा नेताओं की भी ड्यूटी लगाई गई है।
इसके अलावा चुनावी रणनीति के तहत शहर में कई नुक्कड़ बैठक करके हरसिमरत ने अपना शक्ति प्रदर्शन भी किया और पहली बार कांग्रेस प्रत्याशी मनप्रीत बादल के नाम लिए बिना देवर शब्द का प्रयोग करती दिखाई दी। हालांकि अपने देवर यानी मनप्रीत पर कई तीखी टिप्पणी भी की, जिसे एक चुनावी रणनीति का ही हिस्सा माना जाता है। दो दिन पहले आप सांसद भगवंत मान ने कांग्रेस प्रत्याशी मनप्रीत बादल पर शिअद से मिलीभगत होकर चुनाव लड़ने का आरोप लगाया था, लेकिन आज हरसिमरत उक्त आरोपों के जवाब में स्वयं ही मैदान में उतरकर साबित करने की कोशिश की कि कांग्रेस प्रत्याशी मनप्रीत बादल से 36 का आंकड़ा है। बहरहाल, आगामी दिनों में शह व मात के खेल में और तेजी आने की संभावना है।
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भाजपाइयों में दिखा उत्साह
भाजपा के पदाधिकारियों के साथ बैठक करने का फायदा शिअद को मिलता दिख रहा है। मंगलवार को भाजपा महिला मोर्चा के बैनर तले कई भाजपाई खुलकर चुनाव प्रचार में जुट गए हैं। यहां तक कि भाजपा के जिला प्रधान मोहित गुप्ता से भी गुफ्तगू करने के बाद चुनावी रणनीति पर काम किया जा रहा है। इसकी वजह से भाजपाई भी खासे उत्साहित हैं।
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किसी को नहीं ला रहे हैं जबरन
शिअद के अत्याचार से तंग आकर ही लोग कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं। किसी को जबरन तो लाया ही नहीं जा रहा है। अगर किसी को कांग्रेस की नीति पसंद आ रही है तो उसमें मैं क्या कर सकता हूं, लेकिन एक बात है कि किसी को कांग्रेस में आने से मना भी नहीं करुंगा और सभी को पूरा सम्मान मिलेगा।
(मनप्रीत बादल, प्रत्याशी, कांग्रेस)
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सभी निष्कय सदस्य थे
अभी तक जो भी कांग्रेस में गए हैं, वे सभी अकाली दल में निष्क्रय सदस्य थे। इससे अकाली दल पर कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला है। आया राम गया राम की राजनीति करने वाले ज्यादा दिन एक जगह टिक नहीं सकते हैं। वैसे भी एक दो लोगों को छोड़ने से अकाली दल को कोई फर्क नहीं पड़ेगा, क्योंकि कई कांग्रेसी अकाली दल की सदस्यता रोजाना ग्रहण कर रहे हैं।
(सरुप चंद ¨सगला, प्रत्याशी, शिअद)
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संतोष