बजट अलाटमेंट न होने से मेडिकल बिलों की आदयकी रुकी
जासं,ब¨ठडा शिक्षा विभाग की ओर से बजट अलाटमेंट न करने के कारण पिछले दो सालों से मेडिक
जासं,ब¨ठडा
शिक्षा विभाग की ओर से बजट अलाटमेंट न करने के कारण पिछले दो सालों से मेडिकल बिलों की अदायगी लटकी हुई है। इसके कारण रिटायर हो चुके अध्यापकों के दो सालों से मेडिकल बिलों की रीइंमबर्समेंट नहीं हो पाई। इसके कारण सीनियर सिटीजन अध्यापकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
ब¨ठडा की रहने वली कौशल्या देवी ने बताया कि वह शिक्षा विभाग से रिटायर हो चुकी हैं। जनवरी 2016 में उनको घुटनों की दिक्कत आई और उनको सर्जरी करानी पड़ी। इस पर उनका लाखों रुपये खर्च आ गया। मार्च 2015 में उन्होंने इसके बिल शिक्षा विभाग को भेज दिए थे। लेकिन एक साल बाद मई 2016 में उनको अप्रूव किया गया। अब मई 2017 भी शुरु हो चुकी है लेकिन आज तक उनको अदायगी नहीं हो पाई। इस कारण उनको भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
इस संबंधी कौशल्या देवी कई बार जिला शिक्षा अधिकारी के दफ्तर के चक्कर काट चुकी है लेकिन उनकी समस्या का कोई समाधान नहीं किया गया। उनकी ओर से जिला शिक्षा अधिकारी को लिखित शिकायत दी गई तो उनका जबाव आया कि उनके पास साल 2016-17 के लिए दो बार दस-दस लाख रुपये आया है। इससे 31 जुलाई 2015 तक मंजूर किए गए बिल ही कवर हो पाए हैं। उन्होंने पत्र में लिखा कि पें¨डग मेडिकल रीइंमबर्समेंट बिलों के लिए विभाग से एक करोड़ रुपये के बजट की मांग की गई है, लेकिन अभी तक बजट नहीं मिला। इस कारण ही आपके बिल लेट हो गए हैं।
इस संबंधी डिप्टी डीईओ हरनेक ¨सह ने कहा कि रिटायरीज के लिए अलग से बजट आता है। जब उनको बजट मिल जाएगा,मेडिकल बिलों का भुगतान कर दिया जाएगा।