जांच में हुआ खुलासा, नशा तस्कर पर एसएसपी व डीएसपी ने गलत किया मामला रद
गुरप्रेम लहरी ब¨ठडा ब¨ठडा के एसएसपी नवीन ¨सगला व डीएसपी गुरजीत ¨सह रोमाणा की ओर से नशा तस्कर पर
गुरप्रेम लहरी ब¨ठडा
ब¨ठडा के एसएसपी नवीन ¨सगला व डीएसपी गुरजीत ¨सह रोमाणा की ओर से नशा तस्कर पर दर्ज हुए मामले को रद करने में मामले की जांच में कैंसलेशन गलत पाई गई है। ब¨ठडा जोन के आईजी मुख¨वदर ¨सह छीना के आदेशों पर फरीदकोट के एसएसपी डॉ. नानक ¨सह की ओर से इसकी जांच की गई थी। जांच रिपोर्ट के अनुसार मामले के जांच अधिकारी की ओर से मामले की गंभीरता से जांच नहीं की गई। जांच रिपोर्ट में एसएसपी फरीदकोट डॉ.नानक ¨सह ने इस केस का अदालत में चालान पेश करने की सिफारिश की है।
जांच रिपोर्ट के अनुसार 10 अप्रैल 2017 को गोनियाना मंडी की चौकी इंचार्ज एसआइ सुख¨वदर कौर समेत हवलदार निर्मल ¨सह, हवलदार सुखदेव ¨सह, सिपाही हरजोत मंगला व सिपाही रंजीत ¨सह के साथ गश्त दौरान गोनियाना मंडी के बस स्टेंड पर थीं। इसी दौरान उन्हें मुखबीर की ओर से गुप्त सूचना मिली कि गो¨बद गुप्ता वासी गोनियाना मंडी अपने मकान में नशीली गोलियों की बिक्री करता है। उन्होंने उनके घर पर छापेमारी की तो आरोपी के घर से 1530 नशीली गोलियां बरामद हुई। आरोपी इन दवाओं का कोई बिल या लाइसेंस पेश नहीं कर पाया। उसको मौके से गिरफ्तार कर लिया गया। यह तथ्य भी सामने आया कि जब पुलिस ने छापेमारी की तो ड्रग इंस्पेक्टर शीशन कुमार भी मौके पर पहुंच गया था लेकिन उन्होंने अपनी गवाही जांच अधिकारी के पास दर्ज नहीं करवाई। न ही इंस्पेक्टर शीशन कुमार के हाजिर होने के बारे में जांच में कोई जिक्र किया गया है। डीएसपी भुच्चो गुरजीत ¨सह रोमाणा की ओर से अपनी जांच के दौरान जांच अधिकारी एसआइ सुख¨वदर कौर के पास पत्र नंबर 248-5ए स्पेशल 15 अप्रैल को भेजा गया। लेकिन वह न तो तफ्तीश में ही शामिल हुई और न ही इसमें लिखा संदेश सुना। इसके चलते डीएसपी रोमाणा ने इस केस के संबंध में एक नतीजा रिपोर्ट एक तरफा करके 18 अप्रैल को एसएसपी के पास भेज दी। इसके बाद नशा तस्करी का केस रद कर दिया गया।
वहीं आइजी एमएस छीना की ओर से कराई जांच में खुलासा हुआ तफ्तीश में पाया गया कि गो¨बद गुप्ता के घर के साथ उनकी एक दुकान है, जो गो¨बद गुप्ता की ओर से रमेश मेडिकल स्टोर के नाम पर लाइसेंस 24 फरवरी 2021 तक वैद्य के तहत मंजूर कराया गया है। लेकिन दुकान मेंगो¨बद गुप्ता मेडिकल के काम की बजाय मोबाइल रिपेयर की दुकान कर रहा है। आरोपी के पास से उनके घर में से ये नशीली दवा बरामद की गई है। इस सबंध में ड्रग इंस्पेक्टर ने कहा कि लाइसेंस होने के बावजूद दवा घर पर नहीं सिर्फ दुकान पर ही रखी जा सकती है, ऐसे में एनडीपीएस का केस बनता है। ऐसे में घर से बरामदगी होने के चलते ये केस एसआइ सुख¨वदर कौर की ओर से सही दर्ज किया गया। इस आरोपी के खिलाफ चालान पेश करके अदालत में पेश किया जाना चाहिए था ,जोकि नहीं किया गया।
नियमों के तहत नहीं की डीएसपी रोमाणा ने जांच
जांच रिपोर्ट के अनुसार डीएसपी गुरजीत ¨सह रोमाणा ने यह जांच नियमों में रह कर नहीं की। उनकी ओर से इस जांच के दौरान पुलिस पार्टी को ही शामिल नहीं किया गया। उन्होंने पुलिस पार्टी का पक्ष सुनना भी बाजिव नहीं समझा। उन्होंने अपनी जांच में लिखा कि ड्रग इंस्पेक्टर शीशन मित्तल की रिपोर्ट के मुताबिक रमेश मेडिकल स्टोर को होलसेल दवा बेचने के लिए ड्रग लाइसेंस जारी किया गया है। इस फर्म का मालिक गो¨बद गुप्ता है, लाइसेंस सतीश कुमार पुत्र प्रकाश चंद के नाम पर जारी हुआ है। इस लिए गो¨बद को दवा बेचने का अधिकार दिया गया है। आइजी एमएस छीना की ओर से कराई जांच में खुलासा हुआ कि जांच अधिकारी डीएसपी रोमाणा की ओर से लाइसेंस को अच्छी तरह से देखा ही नहीं गया। जांच अधिकारी रोमाणा ने ड्रग्ज इंस्पेक्टर शीशन मित्तल की रिपोर्ट पर ही केस कैंसिल करने की सिफारिश कर दी, जबकि ड्रग इंस्पेक्टर शीशन मित्तल
की ओर से जांच अधिकारी एसएसपी फरीदकोट के पास दर्ज कराए बयानों में कहा कि गो¨बद गुप्ता लाइसेंस होने के बावजूद नशीली दवा सिर्फ दुकान पर ही रख सकता था,अपने घर पर नहीं। एसएसपी फरीदकोट ने कहा कि जांच अधिकारी रोमाणाकी ओर से नियमों के तहत जांच न करने के खिलाफ वह कार्रवाई के लिए किसी प्रकार की टिप्पणी नहीं करना चाहते।
यह की सिफारिश
जांच अधिकारी एसएसपी फरीदकोट डॉ.नानक ¨सह ने सिफारिश की कि आरोपी गो¨बद कुमार के खिलाफ दर्ज किया गया मामला सही है और इस मामले का अदालत में चालान किया जाना चाहिए।
जो आईजी आदेश देंगे,वही करेंगे : एसएसपी
इस मामले में जब एसएसपी नवीन ¨सगला से पक्ष जाना तो उनका कहना था कि उनको अभी तक इस जांच रिपोर्ट की कापी नहीं मिली। ऐसे में वे अभी इसके बारे में कुछ नहीं कह सकते। इस मामले में आइजी जो आदेश करेंगे,वही करेंगे।
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