गौशालाओं में छोड़े जाएंगे 800 और पशु, अप्रैल में चलेगा अभियान
जासं, ब¨ठडा, शहर के लिए समस्या बन रहे बेसहारा पशुओं को बाहरी गौशालाओं में छोड़ने का अभियान फिर चलेगा।
जासं, ब¨ठडा, शहर के लिए समस्या बन रहे बेसहारा पशुओं को बाहरी गौशालाओं में छोड़ने का अभियान फिर चलेगा। नगर निगम ने अप्रैल में 800 पशुओं को शहर से बाहर कर गौशालाओं में भेजने का लक्ष्य निर्धारित किया है। अब भी पशुओं को गौशालाओं में छोड़ना जारी है। इसके लिए रोजाना करीब एक दर्जन पशु पकड़ कर हररायपुर गौशाला में भेजा रहा है। वीरवार को 8 पशु पकड़े गए। निगम के अधिकारियों का आंकलन है कि इस समय शहर के आठ जोन में करीब 2 हजार पशु घूम रहे हैं।
निगम के अधिकारियों के अनुसार 18 फरवरी से रोजाना दो वाहनों से पशुओं को हररायपुर गौशाला छोड़ा जा रहा है। अब तक 200 पशुओं को हररायपुर स्थित सरकारी गौशाला में छोड़ा जा चुका है। चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर रणवीर राणा ने बताया कि जिस दिन दो वाहन उपलब्ध होते हैं, उस दिन दो चक्कर लगाकर 10 पशु गौशाला में छोड़े जाते हैं। निगम प्रशासन ने पशु रखने के लिए गांव रुमियाना की गौशाला से बातचीत की है। इसके बदले में गौशाला को डाइट मनी दी जाएगी। इसके अलावा अन्य गौशालाओं से भी संपर्क किया जा रहा है।
हररायपुर में नए शेड बनने पर पड़ेगा असर
जिला प्रशासन द्वारा संचालित हररायपुर गौशाला में में 600 पशु हैं। इस गौशाला में फिलहाल चार शेड बने हुए हैं। इसमें शेड्स की संख्या बढ़ाकर 10 करना प्रस्तावित है। नगर निगम के मेयर बलवंतराय नाथ के अनुसार नए शेड बनने से गौशाला की पशु रखने की क्षमता बढ़ेगी। छह नए शेड बनने से इसमें 900 और पशु रखे जा सकेंगे।
अधर में रही नाकेबंदी करने की योजना
जनवरी 2016 में मुलतानिया रोड पर स्थित कुछ गांवों के लोगों ने एक दिन में 400 से ज्यादा पशु शहर में छोड़ दिए थे। इसी दौरान डबवाली रोड और मानसा रोड से भी कुछ पशुओं को शहर में छोड़कर जाने के मामले सामने आए। तब नगर निगम ने गांवों को शहर से जोड़ने वाले सभी रास्तों पर नाकेबंदी का प्रस्ताव तैयार किया था पर प्रस्ताव अधर में ही रह गया।