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गांव सूच में हेपेटाइटिस-सी का आतंक, स्वास्थ्य विभाग नहीं खोज पाया कारण

जागरण संवाददाता, ब¨ठडा। गांव सूच में 100 से उपर ग्रामीण हेपेटाइटिस-सी के शिकार बन चुके हैं। अभी ह

By Edited By: Published: Sun, 23 Oct 2016 01:01 AM (IST)Updated: Sun, 23 Oct 2016 01:01 AM (IST)
गांव सूच में हेपेटाइटिस-सी का आतंक, स्वास्थ्य विभाग नहीं खोज पाया कारण

जागरण संवाददाता, ब¨ठडा।

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गांव सूच में 100 से उपर ग्रामीण हेपेटाइटिस-सी के शिकार बन चुके हैं। अभी हाल ही में इस बीमारी से गांव के एक जवान युवक की मौत हुई है।

गांव में इस बीमारी से पीड़ित अन्य ग्रामीणों को अपनी मौत का भय सताने लगा है। गांव में इस बीमारी के प्रति आतंक का माहौल है। हेपेटाइटिस-सी के मुफ्त इलाज की सुविधा मरीजों को देने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से चलाई जा रही मुख्यमंत्री हेपेटाइटिस-सी रिलीफ फंड योजना के तहत अपना मुफ्त इलाज करवाने के लिए गांव सूच के 100 से ऊपर ग्रामीणों ने खुद को स्वास्थ्य विभाग के पास रजिस्टर करवाया है। इसमें महिला व पुरुष दोनों मरीज शामिल हैं।

गौरतलब है कि हेपेटाइटिस-सी का इलाज काफी महंगा है। एक गांव वाले ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अब तो दूसरे गांव के लोग इस गांव में अपने बच्चों की शादी करने से भी हिचकिचाने लगे हैं। गांव में इतने बड़े स्तर पर हेपेटाइटिस-सी की गंभीर बीमारी फैलने के बाद बावजूद स्वास्थ्य विभाग ने गांव के प्रति गंभीर रुख नहीं अपनाया है।

ग्रामीणों ने बताया कि एक बार ब्लाक के अस्पताल से डॉक्टर आए थे उन्होने सिविल अस्पताल ब¨ठडा से इस बीमारी के फ्री इलाज होने व फ्री दवाई मिलने के बारे में जानकारी दी थी। तब से गांव के अधिकतर लोग सिविल अस्पताल से दवाई लेने जाने लगे। ग्रामीणों ने कहा कि गांव में बीमारी फैलने के कारण खोजे जाने चाहिए ताकि गांव के अन्य लोगों को इस बीमारी की चपेट में आने से बचाया जा सके।

कभी नहीं लगे जागरूकता शिविर

ग्रामीणों ने बताया कि इस बीमारी के प्रति जागरूकता शिविर स्वास्थ्य विभाग की ओर से गांव में कभी नहीं लगाए गए। वहीं स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि गांव सूच में फैली हेपेटाइटिस सी की बीमारी के कारणों की खोज की जा रही है। सभी मरीजों का सिविल अस्पताल ब¨ठडा की ओर से मुफ्त इलाज किया जा रहा है व मुफ्त दवा दी जा रही है।


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