अनुभव को बांटने का अवसर देती है प्रार्थना
संवाद सहयोगी, बठिंडा। जैन सभा में विराजमान साध्वी शुभिता जी ने भगवान से प्रार्थना करने की प्रेरणा
संवाद सहयोगी, बठिंडा।
जैन सभा में विराजमान साध्वी शुभिता जी ने भगवान से प्रार्थना करने की प्रेरणा देते हुए बताया कि वास्तव में प्रार्थना क्या है? कल हम भगवान महावीर से प्रार्थना करने जा रहे हैं। उनकी स्तुति, उनके गुणों, उनकी महिमा को गा कर अपने कमरें की निर्जरा करने जा रहे हैं। वास्तव में क्यों क्या कारण है कि हम भगवान को याद करते हैं क्या कारण है की हम उनकी स्तुति करते हैं, क्या कारण है कि हम भगवान की कथा गाते हैं। साध्वी ने बताया कि प्रार्थना हमें अपने अनुभवों को बाटने का मौका देती है।
प्रार्थना हमारे आतरिक परिवर्तनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, क्योंकि प्रार्थना हमारे महत्वपूर्ण व्यक्तिगत बदलाव का बुनियादी केंद्र होती है। जब हम प्रार्थना करते हैं तो स्वीकार करते हैं कि कोई तो है, जो हम सबको रोशन किए हुए है।
कोई तो है जिसके पास इस समूचे ब्रह्माण्ड का बटन है। जब हम प्रार्थना करते हैं तो अपने अहम का दमन करते हैं। जब प्रार्थना करते हैं तो हमारे मन से कलुषित विचार दूर होते चले जाते हैं। प्रार्थनाएं हीलिंग टच का काम करती हैं।
प्रार्थनाएं हमें बल देती हैं, संबल देती हैं, क्योंकि प्रार्थनाएं हमें पवित्र बनाती हैं। हमारे शरीर को डिटॉक्सीफिकेट करती हैं यानी उसे निर्विषीकरण की प्रक्त्रिया से गुजारती हैं। इससे हमारा शरीर स्वस्थ, पवित्र, प्रफुल्लित और तरोताजा होता है। प्रार्थनाएं हमें सिखाती हैं कि हम ऊर्जा कैसे हासिल करें। जो लोग प्रार्थना नहीं करते वे मौन में विलुप्त हो जाने का लुत्फ नहीं उठा पाते।
पराक्रम हासिल करने की शक्ति देती है प्रार्थना
प्रार्थना उस शक्ति को हासिल करने का उपक्रम है, जो शक्ति हमें अपने पराक्रम से हासिल करने की प्रेरणा देती है। प्रार्थनाएं हमें मनुष्यता सिखाती हैं। प्रार्थनाएं हमें संगठित करती हैं। प्रार्थनाएं हमें मिल-जुलकर कुछ भी कर सकने की शक्ति देती हैं। इसीलिए सामूहिक प्रार्थनाए महज धार्मिक क्त्रियाकलाप या अनुष्ठान भर नहीं होतीं, वे एक सामाजिक आदोलन, एक वसुधैव कुटुम्बकम्? का आह्वान भी होती हैं। प्रार्थनाएं हमें दूसरों पर भरोसा करना सिखाती हैं।