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नाबार्ड ने लिमिट घटाई, फिर भी ज्यादा कर्ज दिया : तरसेम

जासं, ब¨ठडा। दी ब¨ठडा केंद्रीय सहकारी बैठक की तरफ से किसानों को कर्ज देने पर मौखिक तौर पर रोक लगा

By Edited By: Published: Sat, 27 Aug 2016 01:00 AM (IST)Updated: Sat, 27 Aug 2016 01:00 AM (IST)
नाबार्ड ने लिमिट घटाई, फिर भी ज्यादा कर्ज दिया : तरसेम

जासं, ब¨ठडा।

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दी ब¨ठडा केंद्रीय सहकारी बैठक की तरफ से किसानों को कर्ज देने पर मौखिक तौर पर रोक लगाने के मामले में बैंक की कर्मचारी यूनियन और सहकारी सभाएं कर्मचारी यूनियन आमने सामने हो गई हैं।

दी ब¨ठडा केंद्रीय बैंक कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष तरसेम ¨सह और महासचिव नीरज काटिया के अनुसार नाबार्ड ने बैंक की कर्ज लिमिट कम कर दी है। फिर भी ज्यादा कर्ज दिया गया।

नाबार्ड ने कर्ज की लिमिट 338. 14 करोड़ रुपये से घटाकर 234.38 करोड़ रुपये कर दी है। फिर भी बैंक ने सहकारी सभाओं को किसानों के लिए 407.76 करोड़ रुपये कर्ज दिया। किसान हित में बैंक ने 173.38 करोड़ रुपये कर्ज के तौर पर अपने फंड में से दिए। इससे ज्यादा कर्ज देने में बैंक समर्थ नहीं है।

यूनियन के अध्यक्ष और महासचिव के अनुसार सहकारी समिति कर्मचारी किसानों को हकीकत छिपाकर गुमराह कर रहे हैं। गौरतलब है कि सहकारी सभाएं कर्मचारी यूनियन ने बैंक प्रबंधन पर सहकारी सभाओं के सदस्य किसानों को फसली कर्ज नहीं देने की मौखिक तौर पर रोक लगाने आरोप लगाया है। सहकारी सभाएं कर्मचारी यूनियन ने इसके खिलाफ 30 अगस्त से 5 सितंबर तक बैंक की विभिन्न शाखाओं की घेराव करने का ऐलान किया है।


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