रल्ला के परिजनों को पांच लाख का सौंपा
जासं, ब¨ठडा। एक सप्ताह पहले किसानों के राज्य स्तरीय धरने में मौत का शिकार हुए मानसा जिले के खेतीहर
जासं, ब¨ठडा।
एक सप्ताह पहले किसानों के राज्य स्तरीय धरने में मौत का शिकार हुए मानसा जिले के खेतीहर मजदूर रल्ला ¨सह के परिवार को पांच लाख रुपये का एक और चेक जिला प्रशासन ने शुक्रवार को सौंप दिया है।
शुक्रवार को तहसीलदार लख¨वद्र ¨सह ने धरना स्थल पर आकर रल्ला ¨सह की पत्नी मूर्ति कौर को पांच लाख रुपये का दूसरा चेक सौंपा। वहीं, भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्राहां) का राज्य स्तरीय धरना मिनी सचिवालय के समक्ष 32वें दिन भी जारी रहा। इसमें वक्ताओं ने दिनभर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और मांगों के पूरा होने पर ही धरना समाप्त करने का संकल्प लिया।
धरना स्थल पर किसानों को संबोधित करते हुए किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष जोगेंद्र ¨सह उग्राहां ने कहा कि खेतीहर मजदूर रल्ला ¨सह के परिवार को 10 लाख रुपये मुआवजा दिलाकर नई पहल करना किसानों के संघर्ष की जीत है। किसान अपनी अन्य मांगों को लेकर भी कड़ा संघर्ष करने को तैयार है। अगर सरकार ने उनकी मांगों को अनदेखा किया तो यूनियन आरपार की लड़ाई लड़ेगी।
किसान की खुदकशी के पीछे सरकारी नीतियां
उग्राहां के अनुसार खुदकशी पीड़ित किसान व खेतीहर मजदूर परिवार को भी पांच लाख रुपये मुआवजा और परिवार के एक आश्रित सदस्य को नौकरी मिलनी चाहिए। सरकार की नीतियों की वजह से किसान कर्ज के दैत्य का शिकार बनता जाता है। बार-बार फसल खराब होने और सरकार की तरफ से सहायता नहीं मिलने की वजह से किसान आत्महत्या करने को मजबूर होता है। धरनार्थी किसानों को जस¨वद्र ¨सह लोगोंवाल, हरपाल ¨सह, दिलबाग ¨सह, सुखपाल ¨सह, कुलदीप ¨सह, अजायब ¨सह, बलदेव ¨सह आदि ने भी संबोधित किया।
आखिर कब मानी जाएंगी किसानों की मांगें
किसान यूनियन कर्ज मुक्ति कानून रद्द करने, कर्ज मुक्ति कानून बनाने, पिछले वर्ष सफेद मक्खी से नरमा की फसल खराब होने से प्रभावित किसानों को 40 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से मुआवजा देने, खेतीहर मजदूरों को मुआवजा देने, वर्ष 1990 से अब तक कर्ज से पीड़ित किसानों द्वारा की गई खुदकशी मामलों की जांच कर पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने, कृषि के लिए 24 घंटे बिजली देने, किसानों को प्राथमिकता के आधार पर बिजली कनेक्शन देने आदि की मांग को लेकर 24 मई से धरना लगा रही है।