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बंधुआ मजदूरों को आजाद करवाने के लिए मरणव्रत पर बैठे जय ¨सह

जय ¨सह बोले, बंधुआ मजदूरों को आजाद करवा भट्ठा मालिक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई न होने तक नहीं ग्रहण कर

By Edited By: Published: Sat, 13 Feb 2016 01:00 AM (IST)Updated: Sat, 13 Feb 2016 01:00 AM (IST)
बंधुआ मजदूरों को आजाद करवाने 
के लिए मरणव्रत पर बैठे जय ¨सह

जय ¨सह बोले, बंधुआ मजदूरों को आजाद करवा भट्ठा मालिक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई न होने तक नहीं ग्रहण करेंगे अन्न

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- एसपी सिटी के पहुंचने पर नहीं माने जय ¨सह

- डीसी के साथ बैठक रही बेनतीजा

- पुलिस ने चार मजदूरों को लिया हिरासत में

फोटो-

संस, ब¨ठडा

रामपुरा तहसील में महराज रोड पर स्थित ईंट भट्ठे पर काम करने वाले मजदूरों को बंधक बनाने का मामला गर्मा गया है। भट्ठे से किसी तरह निकल कर आए मजदूरों ने भट्ठा मालिकों द्वारा बंधक बनाए गए अपने अन्य मजदूर साथियों को छुड़ाने की मांग करते व डीसी पर भट्ठा मालिकों का पक्ष लेने का आरोप लगाते हुए सुबह डीसी की कोठी का घेराव किया। डीसी की कोठी का घेराव करने वाले मजदूरों में काफी संख्या में महिलाएं व बच्चे भी थे। पुलिस ने मजदूरों पर हलका लाठीचार्ज कर उनको वहां से खदेड़ दिया और चार मजदूरों को हिरासत में ले लिया। भट्ठा मजदूरों पर पुलिस द्वारा बल प्रयोग करने व पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने की सूचना मिलते ही दलित दास्तान विरोधी आंदोलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष जय ¨सह अपने साथियों सहित फिल्लोर से मजदूरों के हक में आवाज बुलंद करने के लिए बठिंडा में पहुंचे।

जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स के बाहर डॉ. भीम राव अंबेडकर पार्क में जय ¨सह भट्ठा मजदूरों को इंसाफ दिलाने के लिए मरणव्रत पर बैठ गए। इससे प्रशासन के हाथ पांव फूल गए। मौके पर एसपी सिटी देसराज पुलिस बल के साथ पहुंचे और जय ¨सह को डीसी के साथ बैठक के लिए मनाने लगे। जय ¨सह ने साफ कह दिया कि जब तक डीसी बंधुआ मजदूरी के संबंध में सुप्रीमकोर्ट की हिदायतों की पालना नहीं करते तब तक वह डीसी बसंत गर्ग के साथ किसी बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे। काफी जद्दोजहद के बाद आखिर जय ¨सह की साथी एडवोकेट गंगा डीसी के साथ बंधुआ मजदूरों के मामले पर वार्तालाप करने के लिए गई।

डीसी बसंत गर्ग के साथ एक घंटा चली बैठक असफल रही। जहां एडवोकेट गंगा नियम कानूनों के मुताबिक भट्ठा मालिकों पर कार्रवाई के लिए अड़ी रहीं, वहीं डीसी उन्हें समझाने में असफल साबित हुए। इस अवसर पर यूपी के शाहजहांपुर जिले के ओमकार ¨सह, जलालाबाद निवासी नेत्रपाल, बेगराम, रामकिशोर व अन्य ने आरोप लगाते बताया कि सुप्रीम ब्रिक्स इंडस्ट्रीज में जमादार संजय कुमार के माध्यम से यूूपी से काम करने आए थे। भट्ठे पर आने के बाद उन्हें मजदूरी का पूरा भुगतान नहीं किया गया और न ही उन्हें वापस जाने दिया गया। जब भट्ठा मालिक कृष्ण शर्मा से उन्होंने हिसाब करने को कहा तो उलटा उनकी तरफ ही बकाया निकाल दिया गया। महिला मजदूरों के साथ मारपीट की गई। मजदूरों के हक में आवाज बुलंद कर रही अमन ने बताया कि कुछ मजदूर तो वहां से किसी तरह निकल आए हैं, लेकिन अभी भी भट्ठे पर 22 के करीब मजदूरों को बंधुआ बनाकर रखा गया है। मजदूर वापस यूपी जाना चाहते हैं लेकिन उन्हें जाने नहीं दिया जा रहा। यह भी आरोप लगाया कि भट्ठे पर बाकी बचे बंधुआ मजदूरों को पीटा भी गया है। भट्ठे पर एक गर्भवती महिला से भी जबरदस्ती काम करवाया जा रहा है। बंधुआ मजदूरों को मुक्त करवाने के लिए मरणव्रत पर बैठे दलित दास्तान विरोधी आंदोलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष जय ¨सह ने पुलिस की कार्रवाई को कायराना बताया। उन्होंने कहा कि भूखी प्यासी मजदूरा महिलाओं को डीसी की कोठी के बाहर पुरुष पुलिस ने पीटा और पुलिस ने 90 वर्षीय बुजुर्ग महिला को भी नहीं बख्शा। जय ¨सह ने कहा कि डीसी बंधुआ मजदूरों के मामले में सुप्रीम कोर्ट व एनएचआरसी की हिदायतों की सरासर अवहेलना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लेबर इंस्पेक्टर न साफ कहा है कि भट्ठे पर किसी तरह का लेबर रजिस्टर अपडेट नहीं किया जाता था। जय ¨सह ने कहा कि भट्ठे पर मजदूरों को अमानवीय स्थितियों में रखा जा रहा है। मजदूरों के लिए शौचालय तक की व्यवस्था नहीं। पीने का साफ पानी तक उन्हें मुहैया नहीं करवाया जा रहा। जय ¨सह ने कहा कि भूखे प्यासे इंसाफ मांग रहे गरीब मजदूरों पर डीसी ने लाठीचार्ज करवाया यह अति ¨नदनीय है। जय ¨सह ने कहा कि जब तक सभी बंधुआ मजदूरों को छुड़ा नहीं लिया जाता व भट्ठा मालिक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं होती तब तक उनका मरणव्रत चलेगा नहीं तो वह बिना अन्न ग्रहण किए अपनी जान दे देंगे।

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भट्ठे पर कोई बंधुआं मजदूर नहीं मिला : डीसी

उधर ब¨ठडा के डीसी डॉ.बसंत गर्ग का कहना है कि बंधुआं मजदूरी का कोई मामला नहीं है। हमारे पास शिकायत आई थी तो हमने इसकी जांच कराई थी। जांच में ऐसी कोई बात सामने नहीं आई। अब ये कल आए थे तो हमने ब¨ठडा के एसडीएम की अगुआई में अधिकारियों की एक टीम गठित करके मौके पर भेजी थी। इस टीम द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट में साफ बताया है कि इसमें बंधुआ मजदूरी का कोई मामला नहीं है। ये लोग जिन नामों का जिक्र कर रहे थे उस भट्ठे पर उन नामों का कोई भी व्यक्ति भट्ठे पर नहीं था।


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