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नारकीय जीवन जीने को मजबूर बंगी नगर निवासी

फोटो-100 -- इलाके में सफाई व्यवस्था का बुरा हाल --पानी की भी क्षेत्र में किल्लत सुनील प्रभा

By Edited By: Published: Sat, 28 Nov 2015 09:36 PM (IST)Updated: Sat, 28 Nov 2015 09:36 PM (IST)
नारकीय जीवन जीने को मजबूर बंगी नगर निवासी

फोटो-100

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-- इलाके में सफाई व्यवस्था का बुरा हाल

--पानी की भी क्षेत्र में किल्लत

सुनील प्रभाकर, ब¨ठडा

शहर के बंगी नगर के लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। इलाके में

मूलभूत सुविधाएं ही नहीं मिल पा रही हैं। इस वजह से लोग परेशान हैं।

क्षेत्र में सफाई व्यवस्था का बुरा हाल हैं। सफाई कर्मी नालियों की सफाई करने के बाद गंदगी को गलियों में ही ढेर कर चले जाते हैं। इस पर मक्खी मच्छर बैठ कर बीमारियों को न्यौता देती नजर आती हैं।

दूसरी ओर इलाके में पेयजल सप्लाई की पाइप नहीं डाली गई। इलाके के लोगों का कहना हैं कि पानी की आपूर्ति के लिए पानी का टैंकर तो आता हैं। लेकिन लोगों को आठ दस दिन के लिए पानी स्टोर कर रखना पड़ता हैं। मजबूरी में हफ्ता पुराना बासी पानी पीने को मजबूर होना पड़ता हैं। इलाके की गलियों को भी पक्का नहीं किया गया। दिन भर गलियों में से धूल मिट्टी उड़ती रहती हैं। इलाके की सड़कों की भी हालत खस्ता है। मुख्य सड़क कई जगह से बीच बीच में टूटी हुई है। इलाके के लोगों का कहना है कि नगर निगम बंगी नगर इलाके के साथ सौतेला व्यवहार कर रहा हैं। इलाके में तमाम तरह की परेशानियां हैं लेकिन इस तरफ बार बार गुहार लगाने के बावजूद कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। इलाके के लोगों ने अपने पार्षद पर भी आरोप लगया हैं कि चुनाव जीतने के बाद पार्षद इलाके की समस्याओं को हल करवाने के लिए कोई ध्यान नहीं दे रही।

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इलाके का बड़ा बुरा हाल है। सफाई व्यवस्थ पूरी तरह से चरमराई हुई है। मेयर को इलाके की दयनीय स्थिति का भलीभांति पता होने के बावजूद गंदगी की समस्या जस की तस बनी हुई हैं। पार्षद को कहने पर भी कोई सुनवाई नहीं होती।

--कमलेश कौर

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पीने के पानी की बड़ी किल्लत हैं। इलाके में पेयजल की सप्लाई पाईप नहीं डाली गई। इसके चलते इलाके के लोगों को नगर निगम के पानी के टैंकर पर ही पानी लेने के लिए निर्भर होना पड़ रहा हैं। पानी का टैंकर भी हफ्ता दस दिन के बाद आता हैं। इलाके के लोगों को हफ्ता दस दिन पुराना बासी पानी पीने को मजबूर होना पड़ता हैं। जो कि कई तरह की बीमारियों को दावत दे रहा है। कम से कम तीन चार दिन के बाद पानी का टैंकर आना चाहिए।

-कंवलजीत

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फोटो-103

इलाके में गलियों को पक्का नहीं किया गया। जिसके चलते दिन भर धूल मिट्टी उड़ती रहती हैं। सांस के रोगियों को इससे बड़ी मुश्किल होती हैं। इलाके की मुख्य सड़क भी बीच बीच में कई जगह से टूटी हुई हैं। वाहन चलाने वालों को इससे खासी दिक्कत होती है और कई बार दुर्घटना हो जाती है।

-बोहड़ ¨सह

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फोटो-104

इलाके में गंदगी का राज हैं। खाली जगह जहां बच्चे खेलते हैं। वहां गंदगी के बड़े बड़े ढेर लगे हैं। जिस पर सूअर व अन्य जानवर घूमते आम ही देखे जाते हैं। बच्चों को खेलने के लिए कोई जगह तो चाहिए। रेल लाइनों के पास के इलाके की नियमित सफाई होनी चाहिए।

-जसपाल ¨सह


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