¨लग जांच पर अंकुश के लिए जन सहयोग जरूरी : डॉ. गुरु
जासं, ब¨ठडा गर्भ में भ्रूण के ¨लग की जांच करने वालों की धरपकड़ के लिए जनता का बहुत जरूरी है। लोगों
जासं, ब¨ठडा
गर्भ में भ्रूण के ¨लग की जांच करने वालों की धरपकड़ के लिए जनता का बहुत जरूरी है। लोगों के सहयोग से ही गर्भ में ¨लग की जांच पर अंकुश लग सकता है। यह बात वीरवार को सरकारी राजेंद्रा कॉलेज के आडिटोरियम में पीसीपीएनडीटी की क्षेत्रीय कार्यशाला में स्वास्थ्य विभाग की उप निदेशक डॉ. रणजीत कौर गुरु ने कही है।
डॉ. गुरु के अनुसार अगर किसी को पीसीपीएनडीटी एक्ट के उल्लंघन और ¨लग जांच संबंधी जानकारी मिलती है, तो वे स्वास्थ्य विभाग को इसकी जानकारी दें। पुख्ता सूचना मिलने पर पुरस्कार की राशि 20 हजार रुपये से बढ़ाकर अब एक लाख रुपये कर दी गई है। इस संदर्भ में स्वास्थ्य मंत्री सुरजीत ज्याणी खुफिया एजेंसियों की सेवाएं लेने पर भी विचार कर रहे हैं। डॉ. गुरु ने कहा कि जिला स्तर पर पीसीपीएनडीटी कमेटियों का गठन कर दिया गया है। नियमों का उल्लंघन करने वाले किसी डॉक्टर को बख्शा नहीं जाएगा।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि नगर निगम के मेयर बलवंतराय नाथ ने कहा कि कन्या भ्रूणहत्या करना सबसे बड़ा पाप है। ऐसा करने वालों को भगवान नहीं बख्शता है। मेयर नाथ के अनुसार कन्या भ्रूणहत्या के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को समझाना चाहिए कि बेहतर समाज के लिए बेटा व बेटी को एक समान समझना जरूरी है।
सिविल सर्जन डॉ. तेजवंत ¨सह रंधावा ने कहा कि अल्ट्रासाउंड करने वाले डॉक्टरों को ¨लग जांच न कर विभाग का सहयोग करना चाहिए। इससे डॉक्टर भी कानूनी कार्रवाई से बच सकते हैं।
जिला परिवार कल्याण अधिकारी डॉ. रवनजीत कौर बराड़ ने बताया कि पीसीपीएनडीटी एक्ट सख्ती से लागू करने से ¨लग अनुपात में सुधार हुआ है। गर्भवतियों को अल्ट्रासाउंड के लिए सिर्फ अधिकृत डॉक्टर ही रैफर कर सकते हैं। एएनएम, स्टाफ नर्स, आशा, दाई व बीईएमएस योग्यताधारी डॉक्टर गर्भवती को अल्ट्रासाउंड के लिए रैफर नहीं कर सकता।
कार्यशाला में शामिल हुए प्रतिभागियों को प्रदेश स्तरीय समीक्षा समिति के सदस्यों ने पीसीपीएनडीटी एक्ट के प्रावधानों की जानकारी दी। इस अवसर पर जालंधर के सिविल सर्जन डॉ. कैलाश कपूर, डॉ. रणजीत कौर गुरु, डॉ. आरएस बुट्टर, ते¨जद्रपाल ¨सह सिधू, जिला मास मीडिया अधिकारी जगतार ¨सह बराड़ आदि उपस्थित थे।