विरोध के चलते अकाली दल की बैठक रद्द
विरोध के चलते पूर्व सांसद गुलशन नहीं आई पहले भुंदड़ और हरसिमरत का भी हो चुका है विरोध फोटो..19
विरोध के चलते पूर्व सांसद गुलशन नहीं आई
पहले भुंदड़ और हरसिमरत का भी हो चुका है विरोध
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जासं, ब¨ठडा/ संगत मंडी।
सफेद मक्खी की वजह से चट नरमा का प्रति एकड़ 40 हजार रुपये मुआवजे की मांग पूरी नहीं होने से किसानों का विरोध बढ़ता ही जा रहा है।
इसके चलते ग्रामीण क्षेत्रों में सत्ताधारी नेताओं का विरोध हो रहा है। रविवार को संगत मंडी क्षेत्र के गांव कोटगुरु में किसान यूनियन और नौजवान भारत सभा के कार्यकर्ताओं ने शिरोमणी अकाली दल (बादल) की एससी ¨वग की बैठक नहीं होने दी। विरोध के कारण पूर्व सांसद परमजीत कौर गुलशन नहीं पहुंचीं। किसानों को 40 हजार और खेतीहर परिवार को 20 हजार रुपये मुआवजे की मांग करते हुए कोटगुरुगांव में सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
एससी ¨वग की गांव के गुरुद्वारा साहिब में होने वाली बैठक में अकाली दल की देहात इंचार्ज और पूर्व सांसद गुलशन ने संगठनात्मक गतिविधियों पर चर्चा करने के साथ ही कुछ किसानों को फसल खराबे के मुआवजा चेक बांटने थे। बैठक सुबह 11 बजे थी। इसकी भनक लगते ही किसान यूनियन और नौजवान कार्यकर्ता कोटगुरु गांव में एकत्रित होने लगे। बाहर भी किसान ट्रैक्टर-ट्रालियों पर सवार होकर धरना देने लगे। पुलिस ने नाकाबंदी करते हुए किसानों की ट्रैक्टर-ट्रालियां गांव से दूर रोक दीं। तब किसान पैदल चलते हुए गुरुद्वारा साहिब के पास पहुंचे। बैठक का विरोध करने वाले नौजवान सभा के कार्यकर्ता जसकरण ¨सह कोटगुरु, किसान नेता राम¨सह, बिल्लू ¨सह, जसपाल ¨सह, गुरमीत ¨सह ने कहा कि राज्य सरकार किसानों और मजदूरों के लिए मुआवजे की मांग स्वीकार नहीं कर रही है। इससे ग्रामीण क्षेत्र में सरकार के खिलाफ भारी विरोध है। अकाली दल के स्थानीय नेता भी सरकार को सही फीडबैक नहीं दे रहे हैं। वहीं, किसानों का विरोध था कि गुरुद्वारा साहब में राजनीतिक बैठक नहीं होनी चाहिए। दोपहर बाद तक जब किसानों और युवाओं के विरोध के चलते बैठक आयोजन के आसार नहीं बने तो आयोजकों को भी बैरंग लौटना पड़ा।
भुंदड़ और हरसिमरत का हो चुका विरोध
इससे पहले सफेद मक्खी से फसल प्रभावित होने से किसान राज्य सभा सांसद और शिरोमणी अकाली दल (बादल) के महासचिव बल¨वद्र¨सह भुंदड़ का किसान मेले में किसानों ने विरोध किया था। पंजाब कृषि विश्वविद्यालय की ओर से ब¨ठडा में आयोजित मेले में किसानों ने भुंदड़ का इस कदर विरोध किया तो उन्हें संबोधित नहीं करने दिया। भुंदड़ और राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। किसानों ने मेले के पंडाल में लगाई कुर्सियां फेंक दी। मंच भी तोड़ दिया था।
कुछ दिन पहले केंद्रीय मंत्री हरसिमरत को ख्यालीवाला गांव में किसानों और मजदूरों ने काले झंडे लेकर वहां से गुजरने पर विरोध का कार्यक्रम बनाया। तब मंत्री का रूट बदलना पड़ा। इस मुद्दे पर किसान धरना स्थल पर आए आम आदमी पार्टी के सांसद डॉ. धर्मवीर गांधी और युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और गिदड़बाहा के विधायक अमरेंद्र ¨सह राजा का विरोध भी चुके हैं। वहीं आप के सांसद भगवंत मान को धरना स्थल पर आने की मनाही कर चुके हैं।