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एनजीटी की हरी झंडी के बावजूद लटका कचरा निस्तारण प्लांट

साहिल पुरी, ब¨ठडा सवा दो साल तक राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल में केस लटकने के बाद कचरा निस्तारण प्ल

By Edited By: Published: Tue, 01 Sep 2015 01:31 AM (IST)Updated: Tue, 01 Sep 2015 01:31 AM (IST)
एनजीटी की हरी झंडी के बावजूद लटका कचरा निस्तारण प्लांट

साहिल पुरी, ब¨ठडा

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सवा दो साल तक राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल में केस लटकने के बाद कचरा निस्तारण प्लांट को हरी झंडी मिलने पर भी जेआइटीएफ अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड की सुस्त चाल से चल रहे प्रोजेक्ट के तय समय से दो माह पिछड़ जाने के कारण क्षेत्रवासी बेहद परेशान हैं। एनजीटी द्वारा हरी झंडी मिलने के बाद कंपनी की ओर से कचरा निस्तारण प्लांट की वर्किंग शुरू करने के लिए 30 जून 2015 तक का समय लिया गया था, लेकिन नवंबर तक भी प्रोजेक्ट के सही तौर पर कचरा निस्तारण करने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं।

स्थिति यह है कि ब¨ठडा मानसा ओवरब्रिज के नजदीक 20 एकड़ जमीन पर बन रहे कचरा निस्तारण प्लांट को अभी तक शेड से कवर न करने के कारण आस-पास के क्षेत्र में गंदगी से उठ रही बदबू व मक्खियों ने लोगों का जीना दुष्वार कर रखा है। अभी ट्रायल बेस पर शुरू किए प्रोजेक्ट में जमीनी स्तर पर कई हिस्सों को अभी जोड़ने का काम शेष है। प्लांट को नियम अनुसार चारों ओर से कवर करने से पहले ही अधूरे प्रबंधों के साथ कचरा निस्तारण का काम ट्रायल बेस पर शुरू करने के कारण उठ रही दुर्गध ने लोगों का घरों में बैठना मुश्किल कर दिया है। वहीं कंपनी ने एनजीटी के निर्देश के तहत प्लांट के चारों ओर ग्रीन बेल्ट बनाने का काम भी पूरा नहीं किया है। हालांकि कंपनी भी मानती है कि वह प्रोजेक्ट में किन्हीं कारणों से कुछ समय पिछड़ गई है। वहीं कंपनी के अधिकारी बीस दिन में प्रोजेक्ट की वर्किंग शुरू करने का दावा कर रहे हैं

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कूड़ा कचरा मुक्त करने को शुरू किया था प्रोजेक्ट

ब¨ठडा महानगर सहित आसपास के 18 शहरों व मंडियों को कचरा मुक्त करने के लिए नगर निगम ब¨ठडा ने साल 2010 में जेआइटीएफ अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड कंपनी को ब¨ठडा में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट लगाने का कांट्रेक्ट दिया था। इसके तहत कंपनी ने कचरा निस्तारण प्लांट लगाकर कचरा का निस्तारण करना था। प्लांट लगाने के लिए निगम ब¨ठडा ने मानसा रोड पर 20 एकड़ जमीन कंपनी को 25 साल के लिए लीज पर उपलब्ध कराई थी। नवंबर 2011 को कंपनी के साथ एग्रीमेंट करने के बाद 10 दिसंबर 2011 को सांसद हरसिमरत कौर बादल ने योजना की शुरुआत की थी, लेकिन इस दौरान डंप हो रहे कूड़ा से बदबू से परेशान होकर मतिदास नगर के लोगों ने प्लांट के विरोध में मोर्चा खोल दिया था। अगस्त 2012 में मतिदास नगर निवासी कैप्टन मल ¨सह व कुछ लोगों ने नगर निगम ब¨ठडा ने नियमों को अनदेखा कर प्लांट लगाने के खिलाफ नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल नई दिल्ली में केस लगाया था। जिस पर ट्रिब्यूनल ने प्रोजेक्ट साइट की जगह पर स्टे कर दिया था। सवा दो साल तक केस चलने के बाद ट्रिब्यूनल के एक्सपर्ट पैनल ने कुछ शर्तो के तहत 2014 को प्लांट लगाने का फैसला सुनाया था। इस दौरान चार साल से महानगर सहित 18 शहरों का कूड़ा कचरा ब¨ठडा मानसा रोड पर 20 एकड़ जमीन पर डंप किया जा रहा था। लेकिन एनजीटी के फैसले में हरी झंडी मिलने के बाद भी कंपनी की ओर से नियमों को पूर्ण तौर पर लागू न करने के कारण आस-पास क्षेत्र के लोग गंदगी से उठ रही दुर्गध से रोजाना परेशान हो रहे हैं।

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कचरा निस्तारण प्लांट का काम एक कंपनी को सौंपा गया है, जिनकी ओर से कुछ काम पें¨डग चल रहा है। हम आने वाले 20 दिन के भीतर अपना काम पूरा कर लेंगे।

नितेश कुमार त्रिपाठी, मैनेजर, जेआइटीएफ कंपनी।

------कोट्स--

कंपनी अपने प्रोजेक्ट को तय समय में काम पूरा करने में कुछ समय पिछड़ रही है। कंपनी को जल्द से जल्द प्रोजेक्ट का काम पूरा करने के लिए कहा जा रहा है। उम्मीद है कि कंपनी की ओर से जल्द ही कचरा निस्तारण प्लांट को सौ फीसद शुरू कर दिया जाएगा।

इंजीनियर बीडी ¨सगला, सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर, नगर निगम ब¨ठडा


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