न अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैदान बना न आधुनिक रेस ट्रैक
साहिल पुरी, ब¨ठडा खेल व युवक सेवाएं विभाग के मंत्री व उप मुख्यमंत्री सुखबीर ¨सह बादल व केंद्रीय म
साहिल पुरी, ब¨ठडा
खेल व युवक सेवाएं विभाग के मंत्री व उप मुख्यमंत्री सुखबीर ¨सह बादल व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल का गढ़ माने जाने वाले ब¨ठडा शहर के युवा खेल सुविधाओं को तरस रहे हैं। करीब चार लाख की घनी आबादी वाले महानगर में खिलाड़ियों के अभ्यास के लिए एक भी पर्याप्त खेल मैदान उपलब्ध नहीं है। मल्टीपर्पज खेल मैदान के रेस ट्रैक को सिनथेटिक रेस ट्रैक में बदलने के ऐलान को लगभग तीन साल का लंबा निकल जाने के बाद भी सरकार योजना को अमली जामा पहनाने में असफल रही है। शहर के एकमात्र मल्टीपर्पज खेल मैदान के रेस ट्रैक की हालत देहात के किसी कच्चे रेस ट्रैक से भी खराब हो चुकी है। नतीजतन, ब¨ठडा सिटी से एथलीट दूसरे स्पोर्ट्स अकादमी व अन्य सुविधा संपन्न जिले की ओर पलायन कर गए हैं। ऐसे में ब¨ठडा सिटी के खिलाड़ियों का प्रदर्शन दिन प्रतिदिन गिरता जा रहा है। हालांकि रेस ट्रैक की यह समस्या उपमुख्यमंत्री सुखबीर ¨सह बादल के ध्यान में है। केंद्र सरकार की एक योजना के तहत रेस ट्रैक को राष्ट्रीय स्तर के सिनथेटिक रेस ट्रैक में बदलने की कवायद भी शुरू की गई थी, लेकिन योजना फाइलों में ही दब कर रह गई।
उधर, अब जिला के क्रिकेट खिलाड़ियों की उम्मीद अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैदान भी टूटता जा रहा है। सरकारी रा¨जदरा कॉलेज का क्रिकेट खेल मैदान हॉकी एस्ट्रोटर्फ मैदान की भेंट चढ़ गया था। जिसके बाद से पुलिस लाइन के टेंपरेरी मैदान को छोड़ कर अभ्यास के लिए एक भी उच्च श्रेणी क्रिकेट खेल मैदान नहीं है। जबकि जिला में तीन सौ से अधिक युवा क्रिकेट के खिलाड़ी है, लेकिन अभ्यास के लिए मैदान न होने के चलते खिलाड़ी दूसरे जिला में पलायन करने को मजबूर है। वहीं सरकार ने डबवाली रोड पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैदान की जमीन पर मछली मार्केट का निर्माण शुरू करवाकर खिलाड़ियों की आखिरी उम्मीद को खत्म कर दिया है। जिसे लेकर क्रिकेट खिलाडियों में सरकार के प्रति भारी रोष पनप रहा है।
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यह था अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैदान का प्रोजेक्ट
मुख्य मंत्रीप्रकाश ¨सह बादल ने 2007 में अपने जन्मदिन के अवसर पर ब¨ठडा में इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम का नींव पत्थर रखा था। डबवाली रोड पर खेतीबाड़ी विभाग की जमीन पर करीब 40 करोड़ रुपये की लागत से इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम बनाने की योजना बनाईगई थी। इस बाबत वर्ष 2008 में टैंडर आमंत्रित किए गए थे, जिसमें पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन ने भी टैंडर डाले थे। यह टेंडर तकरीबन पीसीए के नाम ही हो चुका था, लेकिन पीसीए और पंजाब सरकार के बीच तकनीकी कारणों से सहमति नहीं बन सकी, लिहाजा यहइंटर नेशनल स्टेडियम अधर में ही लटकता चला गया। उपमुख्यमंत्री सुखबीर ¨सह बादल का ड्रीम प्रोजेक्ट होने की वजह स ेखेतीबाड़ी विभाग की 26 एकड़ भूमि को इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम बनाने के लिए खेल विभाग के नाम पर 2008 में ही तब्दील कराया गया। सरकार ने स्टेडियम में मोहाली की तर्ज पर इंटरनेशनल क्रिकेट मुकाबले कराने के साथ क्रिकेट अकादमी खोलने का सपना दिखाया था। हालांकि साल 2013 के अंत में ब¨ठडा विकास प्राधिकरण ने क्रिकेट स्टेडियम के निर्माण का औपचारिक आगाज किया था। पहले फेज में यहां इंटरनेशनल मापदंडों के अनुरूप 75 यार्ड का क्रिकेट मैदान बनाया गया। जहां क्रिकेट की तीन पिच भी बनाई गई। इसके लिए मुख्यमंत्री कोष से 15 लाख रुपये बीडीए के खाते में भेजे गए थे, लेकिन लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी मैदान के एक बड़े हिस्से पर सरकार ने मछली मार्केट के निर्माण को मंजूरी दे दी। जिस पर अब मछली मार्केट की इमारत का निर्माण चल रहा है।