पारा 44 के पार, गर्मी में जीना हुआ दुश्वार
जासं, ब¨ठडा पश्चिमी हवाओं के प्रभाव लू का कहर थमने के बजाए बढ़ता ही जा रहा है। शुक्रवार को लू ने द
जासं, ब¨ठडा
पश्चिमी हवाओं के प्रभाव लू का कहर थमने के बजाए बढ़ता ही जा रहा है। शुक्रवार को लू ने दिनभर कहर बरपाया तो गर्मी के इस मौसम का और गर्म दिन रिकॉर्ड किया गया। मौसम विभाग ने ब¨ठडा शहर का अधिकतम तापमान 0.4 डिग्री सेल्सियस इजाफे के साथ 44.4 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 0.4 डिग्री सेल्सियस गिरावट के साथ 24.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया। हवा में नमी सुबह 72 प्रतिशत और शाम को 13 प्रतिशत थी। गर्मी की वजह से दोपहर के समय कूलरों की कू¨लग भी गायब हो गई। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार पिछले कई दिनों से पश्चिमी हवा चल रही है। रात के समय हवाएं थमी रहती है। सुबह से शाम तक हवा की दिशा पश्चिमी रहती है। इससे वातावरण में शुष्कपन बढ़ रहा है। इससे गर्मी का प्रभाव बढ़ रहा है। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि अगले 24 घंटों में आसमान में हल्के बादल छाए होने की संभावना है, लेकिन बरसात नहीं आएगी। ऐसी दशा में तापमान में गिरावट की संभावना भी बहुत कम है। यानि अभी कुछ दिन और गर्मी अपने तीखे तेवरों का अहसास करवाएगी। इससे पहले वीरवार को अधिकतम तापमान 44.0 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 24.6 डिग्री सेल्सियस था।
दोपहर में सड़कों पर कर्फ्यू का सा माहौल
दोपहर में जब बदन जलाने वाली लू चलती है तो सड़कों पर आवागमन बिल्कुल कम हो जाता है। दोपहर 12 से शाम 4 बजे तक तो मुख्य मार्गो पर भी इक्का दुक्का वाहन ही नजर आते हैं। इससे सड़कों पर कर्फ्यू जैसा माहौल बना रहता है। गर्मी के मारे लोग बचाव के लिए घरों दुबके रहते हैं। शाम को सूरज ढलने के बाद जब गर्मी के तेवर थोड़े नरम पड़ते हैं तो लोग घरों से बाहर निकलते हैं। जब ही सड़कों, पार्को और बाजारों में चहल कदमी होने लगती है।
गर्मी की वजह से लोगों के खानपान में भी बदलाव आया है। अब चाय, सूप की बजाय आइसक्रीम, कोल्ड ¨ड्रक, जलजीरा, नींबू पानी, शर्बत, ठंडाई, छाछ आदि की खपत बढऩे लगी है। दोपहर में बाहर निकलने पर मुंह सिर कपड़े से ढांपना लोगों की मजबूरी बन चुका है।