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दफ्तरों में नहीं घूमेगा परिवाद, ऑनलाइन होगा निस्तारण

जासं, ब¨ठडा कुछ समय बाद जिले में लोगों के परिवाद से संबंधित कागजात रिपोर्टिग के लिए दफ्तरों में नह

By Edited By: Published: Fri, 22 May 2015 05:37 PM (IST)Updated: Fri, 22 May 2015 05:37 PM (IST)
दफ्तरों में नहीं घूमेगा परिवाद, ऑनलाइन होगा निस्तारण

जासं, ब¨ठडा

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कुछ समय बाद जिले में लोगों के परिवाद से संबंधित कागजात रिपोर्टिग के लिए दफ्तरों में नहीं घूमेंगे। आवेदन से लेकर रिपोर्टिग की कार्रवाई तक सब कुछ ऑनलाइन ही होगा। यह सब ई डिस्ट्रिक प्रोजेक्ट में होगा, जो दो महीनों में शुरू होने की संभावना है। इसके लिए जिले के विभिन्न कार्यालयों को 112 कंप्यूटर और 77 स्केनर उपलब्ध करवा दिए हैं। वहीं एसएसडीजी (स्टेट सर्विस डिलीवरी गेटवे) प्रोजेक्ट भी पूर्णत: लागू हो जाएगा। इससे 66 सेवाएं ऑनलाइन हो जाएगी। राष्ट्रीय ई गवर्नेस योजना के तहत ई डिस्ट्रिक प्रोजेक्टर ट्रायल के तौर पर शहीद भगत ¨सह नगर और कपूरथला जिले में चल रहा है। इसके बाद इसे अन्य जिलों में भी लागू कर दिया जाएगा। वहीं एसएसडीजी में सामाजिक सुरक्षा से संबंधित 9 योजनाएं की सेवाएं ऑनलाइन हो चुकी हैं। इसमें वृद्धावस्था पेंशन योजना, विधवा पेंशन योजना, आश्रित बच्चा योजना, विकलांग पेंशन योजना, ग्रामीण क्षेत्र की वृद्धावस्था, विधवा, आश्रित बच्चा, विकलांग और राष्ट्रीय परिवार कल्याण लाभ योजना के आवेदन लिए जा रहे हैं। अब स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ी जाति कल्याण, कार्मिक, गृह और प्रशासनिक सुधार विभाग से संबंधित 23 और कामों के लिए ऑनलाइन सुविधा शुरू हो जाएगी। जिला प्रशासन ने इसका सॉफ्टवेयर उपलब्ध करवाने के लिए राज्य सरकार को 52 लाख रुपये दिए हैं।

3 चरणों में लागू होगा ई डिस्ट्रिक

ई डिस्ट्रिक योजना तीन चरणों में लागू होगा। इसमें विभिन्न विभागों की 34 तरह की सेवाएं कवर होंगी। पहले चरण में मूल निवास, जाति, पेंशन सेवाएं शुरू होंगी। द्वितीय चरण में आ‌र्म्स लाइसेंस से जुड़ी 15 सेवाएं, विवाह पंजीकरण की चार, जन्म मृत्यु पंजीकरण, ग्रामीण क्षेत्र प्रमाण पत्र, प्रति हस्ताक्षरित दस्तावेज और तृतीय चरण में कृषि लाइसेंस से संबंधित सेवाएं ऑनलाइन होंगी।

ऐसे काम करेगा प्रोजेक्ट

प्रोजेक्ट की सेवाएं देने वाले विभिन्न विभागों के कार्यालयों को कंप्यूटर व स्केनर उपलब्ध करवाए जाएंगे। जिला प्रशासन के 500 से ज्यादा अधिकारियों व संबंधित स्टाफ की लॉगिन आइडी बनेगी। जिला सुविधा केंद्र, ग्राम स्तरीय सुविधा केंद्र या फिर किसी अन्य कार्यालय में परिवाद जमा होने के बाद अगर किसी अन्य कार्यालय की रिपोर्ट की जरूरत होगी तो परिवाद स्केन पर विभाग को ऑन लाइन भेज दिया जाएगा। इसमें कार्यालय को निर्धारित समय में ऑनलाइन रिपोर्ट करनी होगी। अधिकारियों के अनुसर सिस्टम ऑनलाइन होने से नजर रखना आसान होगा कि परिवाद किस स्तर और किस कार्यालय में पें¨डग है। ई डिस्ट्रिक के लिए सभी विभागों को इंटरनेट कनेक्शन दिए जा रहे हैं।

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कोट्स

ई डिस्ट्रिक प्रोजेक्ट के लिए विशेष सॉफ्टवेयर से सभी कार्यालयों को जोड़ा जाएगा। इसके लिए कंप्यूटर व स्केनर उपलब्ध करवा दिए हैं। अगले दिनों में अधिकारियों व कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।

सुमित जारंगल, एडीसी (जनरल), ब¨ठडा।


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