तीन वर्ष बाद बदली सरहिंद नहर की नुहार
जासं, ब¨ठडा गंदगी से पटी सर¨हद नहर की ब¨ठडा शाखा की सफाई के लिए पिछले तीन वर्ष से बजट का अभाव खल र
जासं, ब¨ठडा
गंदगी से पटी सर¨हद नहर की ब¨ठडा शाखा की सफाई के लिए पिछले तीन वर्ष से बजट का अभाव खल रहा था। रविवार को 'स्वच्छ ब¨ठडा' अभियान के तहत जन सहयोग से एक ही दिन में नहर से करीब 8500 टन कचरा निकाला गया। सुबह से शाम तक चले स्वच्छ ब¨ठडा अभियान में मुख्य संसदीय सचिव सरूपचंद ¨सगला व नगर निगम के आह्वान पर लोगों ने नहर की सफाई की। टोकरियों, ट्रैक्टर ट्रालियों, पोकलेन मशीन की मदद से कचरा निकाला गया। इससे गोनियाना पुल से बहमण पुल तक नहर के छह किलोमीटर लंबे हिस्से को साफ किया गया। सीपीएस सरुपचंद ¨सगला के सुझाव पर नगर निगम ने दो दिन पहले नहर की सफाई की योजना बनाई। पार्षदों, जन संगठनों व लोगों को रविवार सुबह से सफाई अभियान शुरू करने की जानकारी दी। रविवार सुबह 8 बजे लोग गोनियाना रोड स्थित सर¨हद नहर की ब¨ठडा शाखा पर पहुंचे और नहर की सफाई शुरू की। इसमें मुख्य संसदीय सचिव सरूपचंद ¨सगला, नगर निगम के मेयर बलवंत राय नाथ, सीनियर डिप्टी मेयर तरसेमचंद गोयल, पूर्व मेयर बलजीत ¨सह बीहड़ बह्मण, पार्षद हर¨जद्र ¨सह, पार्षद राजेंद्र ¨सह सिद्धू, निर्मल ¨सह, नगर निगम के एसई बीडी ¨सगला, एक्सईएन रवींद्र ¨सगला, गुरजीत ¨सह, नहरी विभाग के एक्सईएन उपकरण पाल ¨सह, गुरुद्वारा ¨सह सभा, खालसा सीसे स्कूल, गुरुनानक देव खालसा गर्ल्स स्कूल, महाराज रणजीत ¨सह टेक्निकल कॉलेज, यूथ क्लब, कृपाल सागर संस्थान सहित अन्य संगठनों के लोग शामिल हुए।
-खंडित मूर्तियां व बेतहाशा कचरा मिला
सफाई अभियान के नोडल अधिकारी नगर निगम के एक्सईएन रवींद्र ¨सगला के अनुसार गोनियाना पुल के पास नहर में बनी ठोकर के पास गणेश जी व अन्य देवताओं की खंडित प्रतिमाएं मिली। कई देवताओं के फोटो भी मिले। जो कचरे में पड़े हुए थे। मूर्तियों व फोटो को ससम्मान सहित बाहर रखा गया। अभियान में निगम के सफाई कर्मियों सहित करीब एक हजार कार सेवक शामिल हुए। नोड अधिकारी ¨सगला ने बताया कि एक ट्राली में करीब सात से आठ टन कचरा आता है। दिनभर में 1200 ट्राली से ज्यादा कचरा बाहर निकाला गया। इस हिसाब से करीब 8500 टन बाहर निकाला गया।
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80 गांवों के लोग पीते हैं नहर का पानी
ब¨ठडा शाखा की क्षमता 550 क्यूसिक पानी की क्षमता है। ब¨ठडा के दो वाटर वर्क्स में इसी नहर का पानी जाता है। शहर से आगे 80 गांवों के खेतों पर नहर का पानी जाता है। इन गांवों के वाटर वर्क्स में नहर का पानी ही भरा जाता है। नहरी विभाग के अधिकारियों के अनुसार तीन वर्ष से नहर की सफाई के लिए बजट नहीं मिला था। इसी वजह से अब 15 से 30 अप्रैल तक चल रही बंदी में सफाई नहीं की गई थी। यानि ब¨ठडा से आगे प्रदूषित पानी जा रहा था।
नहर छह किलोमीटर तक ब¨ठडा शहर के साथ बहती है। नहर किनारे जनता नगर, परसराम नगर, गुरुकुल रोड मोहल्ला, जोगीनगर, बहमण रोड मोहल्ला बसा हुआ है। मोहल्लों के लोग भी कचरा नहर में फेंक देते हैं। इसी वजह से नहर के शहर के साथ बहते नहर के हिस्से में कचरा ज्यादा होता है।
पूजन सामग्री प्रवाह के लिए बनेगा अलग घाट
सीपीएस सरूपचंद ¨सगला के अनुसार गोनियाना पुल के पास नहर किनारे लोगों को जागरूक करने के लिए साइन बोर्ड लगाया जाएगा कि नहर में पूजन सामग्री का प्रवाह कर प्रदूषण न फैलाएं। पूजन सामग्री जल प्रवाह करने के लिए नहर किनारे अलग घाट बनाया जाएगा, ताकि सामग्री नहर में आगे तक न बहे। ¨सगला के अनुसार नहर की सफाई मुहिम को जारी रखा जाएगा। इसके लिए सोमवार सुबह 10:30 बजे नगर निगम में बैठक होगी। इसमें निगम, नहरी विभाग, धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं के प्रबंधक, पुजारी व अन्य लोग शामिल होंगे।
शहर में एक मई तक आएगा पानी
वर्तमान में नहर बंदी चल रही है। जिसकी अवधि 15 अप्रैल से 30 अप्रैल तक है। नहरी विभाग के एक्सईएन उपकरणपाल ¨सह ने बताया की रोपड़ से पानी 27 अप्रैल को छोड़ा जाएगा। जो ब¨ठडा एक मई तक पहुंचने की संभावना है।