जब्त बयाने की रकम की होगी आयकर गणना
प्रश्न : मैंने प्रॉपर्टी बेचने के सौदे में एक लाख रुपये बयाना लिया था। खरीदार द्वारा निर्धारित शर्ते
प्रश्न : मैंने प्रॉपर्टी बेचने के सौदे में एक लाख रुपये बयाना लिया था। खरीदार द्वारा निर्धारित शर्ते पूरी नहीं करने के कारण पिछले माह यह बयाना जब्त कर लिया है। क्या इस बयाने से मिली रकम पर आयकर की वैट छूट है? - अवतार सिंह, लुधियाना।
उत्तर : नहीं। चालू वित्तीय वर्ष अप्रैल 2014 से मार्च 2015 से आयकर कानून की धारा 56(2) की क्लॉज बढ़ाई गई है। इसके मुताबिक अगर करदाता ने अपनी जायदाद ट्रांसफर करने के लिए बयाना लिया है, जबकि जायदाद को ट्रांसफर नहीं किया है और उसके द्वारा बयाना जब्त किया गया है तो ऐसे मामले में बयाना जब्त करने वाले करदाता को अन्य स्रोत से हुई आमदनी मानकर बयाने की रकम को कुल आय में जोड़कर आयकर की गणना करनी होगी।
प्रश्न : सुकन्या समृद्धि अकाउंट कहां खोजा जा सकता है व इसमें रकम जमा करवाने पर आयकर की कितनी छूट का लाभ मिलेगा? -पुरुषोत्तम लाल, नवांशहर।
उत्तर : सुकन्या समृद्धि खाता बैंक या डाकखाने में खुलवाया जा सकता है व नई अधिसूचना 21 जनवरी, 2015 को जारी हुई है। इसके अनुसार चालू वित्तीय वर्ष में सुकन्या समृद्धि खाते में निवेश की गई रकम आयकर कानून की धारा 80सी के तहत अन्य बचत योजनाओं जैसे: पब्लिक प्रॉविडेंट फंड खाता, नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट, जीवन बीमा प्रीमियम, बैंक में पांच साल की टैक्स सेविंग फिक्स डिपॉजिट, हाउसिंग लोन की मूल वापसी व बच्चों की ट्यूशन फीस आदि पर व्यक्ति की कुल आय में से अधिकतम डेढ़ लाख रुपये तक छूट मिलेगी। उल्लेखनीय है कि 10 वर्ष से कम आयु वाली लड़की के माता-पिता यानी अभिभावक द्वारा यह खाता खोला जा सकता है और माता-पिता अधिकतम अपनी दो बेटियों के लिए सुकन्या समृद्धि खाते खोल सकते हैं। इस नए खाते में हर साल कम से कम एक हजार रुपये जमा करवाने होंगे और अभिभावकों द्वारा डेढ़ लाख रुपये जमा करवाने का नियम है। जैसे दो वर्ष की आयु वाली बेटी का यह खाता खोला है, तो खाते में उसकी 16 साल की आयु तक रकम जमा करवानी होगी। वर्तमान में इस खाते पर ब्याज की दर 9.10 फीसद निर्धारित हुई है व ब्याज की रकम करमुक्त नहीं है।
प्रश्न : इस साल मेरे ढाबे की वार्षिक बिक्री लगभग छह लाख रुपये है। ढाबे का वैट पंजीकरण करवाना कब जरूरी है? -सुरेंद्र पाल, अमृतसर।
उत्तर : पंजाब वैट कानून की धारा-8ए के तहत ढाबा एकमुश्त टैक्स योजना में आता है। आपको ढाबे का वैट पंजीकृत नंबर लेने के बजाये वार्षिक एकमुश्त टैक्स जमा करवाना चाहिए। सालाना बिक्री के आधार पर एकमुश्त टैक्स का स्लैब इस प्रकार है: - पांच लाख रुपये से कम बिक्री करने वाले ढाबे को इस योजना से छूट है। यदि वार्षिक बिक्री पांच लाख रुपये से 15 लाख तक है, तो दस हजार रुपये एकमुश्त टैक्स लगेगा। अगर बिक्री 15 लाख रुपये से 30 लाख रुपये है तो 22500 रुपये, 30 लाख से 50 लाख रुपये तक बिक्री पर 40 हजार, 50 लाख से एक करोड़ रुपये बिक्री पर 75 हजार रुपये, एक करोड़ रुपये से डेढ़ करोड़ रुपये बिक्री तक सवा लाख रुपये, डेढ़ करोड़ रुपये से दो करोड़ बिक्री पर 1.75 लाख रुपये टैक्स जमा करवाना होगा। यदि बिक्री दो करोड़ रुपये से अधिक है तो बिक्री पर बनता वास्तविक टैक्स जमा करवाना होगा।