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गाय का गोबर बड़ा गुणकारी : साध्वी भारती

संवाद सहयोगी, बठिंडा श्री गोशाला सिरकी बाजार बठिडा में पंाच दिवसीय श्री गोकथा के तीसरे दिन का शुभ

By Edited By: Published: Fri, 31 Oct 2014 02:22 AM (IST)Updated: Fri, 31 Oct 2014 02:22 AM (IST)
गाय का गोबर बड़ा गुणकारी : साध्वी भारती

संवाद सहयोगी, बठिंडा

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श्री गोशाला सिरकी बाजार बठिडा में पंाच दिवसीय श्री गोकथा के तीसरे दिन का शुभारभ गोशाला के गीता भवन में प्रसिद्ध समाजसेवी अमरजीत मेहता, बठिडा कैमिकल लिमिटेड के मालिक राजिंदर मित्तल व विनोद सिंगला ने अपने परिवारों सहित ज्योति प्रज्वलित करके किया। इस मौके पर बठिडा कैमिकल के संचालक राजिंदर मित्तल जी द्वारा 1 लाख 51 हजार रुपये, विनोद सिंगला द्वारा 31 हजार रुपये तथा सुरिंद्रपाल गुप्ता ने 11 हजार रुपये गोशाला को दान किए। इस मौके पर श्री गोशाला के प्रधान जीवा राम गोयल, महासचिव साधू राम कुसला, कोषाध्यक्ष देव राज बासल, बबली शर्मा द्वारा मुख्य अतिथियों को सम्मान चिन्ह भेंट किया गया तथा समाजसेवी अमरजीत मेहता द्वारा गोवंश के लिए 10 लाख की लागत से बनवाए जा रहे शेडों के लिए उनका गोशाला की ओर से आभार प्रकट किया।

इस अवसर पर कथा के दौरान साध्वी गरिमा भारती जी ने भारतीय गोमाता के जीवन पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि भारत सोने की चिड़िया तब था, जब भारत में गायों की पूजा होती थी, गायों का सम्मान था व गोहत्या पर पूर्ण प्रतिबंध था। उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे मनुष्य लालची होता गया और गाय को इसलिए घर से निकालना शुरू किया कि गाय दूध कम देती है। इसके लिए वैसे मनुष्य स्वयं ही जिम्मेवार है। जब गाय को पर्याप्त मात्रा में हरा चारा व अन्य जरूरी खुराक नहीं देंगे, तो दूध का उत्पाद कैसे बढे़गा। पहले भारत में 96 करोड़ गोवंश था, जो अब मात्र दो करोड़ रह गया है। आज भारत की गरीबी का एक कारण देश में गोवंश का कम होना भी है। पुराने समय में गोवंश की पूजा होती थी और गोबर से खाद तैयार की जाती थी। बैल से खेत जोता जाता था, जिससे भूमि की उपजाऊ शक्ति बढ़ती थी। मगर, विदेशी कंपनियों की चाल में जैसे-जैसे हमने टै्रक्टरों द्वारा खेती शुरू की तथा कीटनाशकों का इस्तेमाल शुरू किया, वैसे ही पूर्ण भूमि की उपजाऊ शक्ति समाप्त होने लगी।

भारती जी ने कहा कि गाय और बैल का अपमान कर जिस तेजी से हम विदेशी उपकरणों को अपना रहे है, उसी तेजी से भारत की भूमि बंजर होती जा रही है। बंजर भूमि कभी भी स्वस्थ भोजन नहीं दे सकती। आज एक गाय की गोबर खाद 360 करोड़ की कीटनाशक दवाओं के बराबर है।

उन्होंने बताया कि 1737 में भारत में पहुचे विदेशी दूत लॉर्ड माइकल ने अपने पत्र में लिखा था कि भारत ऐसा देश है यहा सास्कृतिक व आध्यात्मिक विचारों वाले लोग है। इस देश में कोई भी गरीब नहीं है और न ही भिखारी है। भारत के लोगों की धर्म, गाय व देश में अटूट आस्था है।

भारती जी ने कहा कि अगर हमें देश को पुन: विश्व गुरु व रोगमुक्त बनाना है, तो भारतीय गोमाता को बचाना होगा तथा मनुष्य को पंच गव्य का सेवन करना होगा।

श्री गोकथा के व्यवस्था प्रमुख राजीव गुप्ता ने बताया कि 31 अक्टूबर को गोपाष्टमी के विशेष पर्व पर श्री गोशाला सिरकी बाजार बठिडा में सुबह 8 बजे गोपूजन, हवन व झडा रस्म विभिन्न यजमानों एवं गोभक्तों द्वारा की जाएगी। रात में गोकथा के बाद गोग्रास व भंडारा बांटा जाएगा। श्री गोशाला प्रबंधन की ओर से सभी गोभक्तों को इस कार्यक्रम में उपस्थित होने की अपील की गई।

कार्यक्रम को सफल बनाने में नौजवान वेलफेयर सोसायटी, श्री हनुमान सेवा समिति, अखिल भारतीय गायत्री परिवार बठिडा व हरी ऊँ शकर चरण पादुका सेवा दल आदि का विशेष सहयोग रहा।


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