चरम पर रहा वायु व ध्वनि प्रदूषण
जागरण संवाददाता, बठिंडा दीपावली की रात वीरवार को करोड़ों रुपये के पटाखे फोड़कर लोगों ने शहर में रिहा
जागरण संवाददाता, बठिंडा
दीपावली की रात वीरवार को करोड़ों रुपये के पटाखे फोड़कर लोगों ने शहर में रिहाइशी क्षेत्रों में ध्वनि प्रदूषण को दोगुने स्तर पर पहुंचा दिया। रही-सही कसर किसानों ने अपनी खेतों में बची पराली को आग लगाकर पूरी कर दी, जिससे वायु प्रदूषण की मात्रा काफी ज्यादा बढ़ गई। हालांकि, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कहना है कि सही आंकलन में अभी एक सप्ताह का समय लगेगा।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दीपावली की रात शहर के मॉडल टाउन, सिविल अस्पताल व गोल डिग्गी के समीप ध्वनि प्रदूषण मापने के लिए यंत्र लगाया था। प्रारंभिक रिपोर्ट में बताया गया है कि दीपावली की रात शहर में लोगों ने सभी की अपीलों व नसीहतों को धत्ता बताते हुए जमकर पटाखे फोड़कर रिहाइशी क्षेत्रों में ध्वनि प्रदूषण को दोगुने स्तर पर पहुंचा दिया। गौर हो कि शहर के रिहाइशी क्षेत्रों में 50 डीबी (डेसीबल), व्यावसायिक क्षेत्रों में 65 डीबी व शांत क्षेत्रों में 45 डीबी से ज्यादा शोर को हानिकारक माना जाता है। मगर दीवाली वाली रात लगभग नौ बजे से दस बजे के बीच रिहाइशी क्षेत्र मॉडल टाउन में 109.46 डीबी, गोल डिग्गी के समीप 107.26 डीबी और शांत जोन सिविल अस्पताल के समीप 102 डीबी ध्वनि प्रदूषण रहा। हालांकि, सायं छह बजे से सात बजे के बीच मॉडल टाउन समेत सिविल अस्पताल व गोल डिग्गी इलाके में ध्वनि प्रदूषण 100 डीबी से कम रहा, लेकिन सात बजे के बाद इसमें बढ़ोतरी होने लगी। हालांकि, 10 से 11 बजे के बीच भी ध्वनि प्रदूषण 100 डीबी से पार रहा, लेकिन रात 11 बजे के बाद इसमें गिरावट आनी शुरू हो गई। गोल डिग्गी के पास यह फिर 98 डीबी, तो मॉडल टाउन में 97 डीबी रहा।
इसी तरह, वायु प्रदूषण की मात्रा आवासीय क्षेत्रों में दीवाली के दिन 300 से 350 माइक्रो मीटर प्रति क्यू हो गई थी, जबकि सामान्य दिनों में 200 माइक्रो मीटर प्रति क्यू रहता है। हालांकि, आधिकारिक रूप से प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी अभी भी कुछ भी कहने से बच रहे हैं। उनका कहना है कि सही आंकलन आने में कम से कम एक सप्ताह का समय लगेगा।