पंचायती जमीनों पर पेड़ लगाने का मामला अधर में
जागरण संवाददाता, अमृतसर पर्यावरण के संतुलन के लिए जहां शहरों में पौधारोपण किए जाने है
जागरण संवाददाता, अमृतसर
पर्यावरण के संतुलन के लिए जहां शहरों में पौधारोपण किए जाने हैं, वहीं गांवों की पंचायती जमीनों पर भी पौधे लगाए जाने की पंजाब सरकार की योजना थी। मार्च 2017 में पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग पंजाब के सचिव की राज्य के डिप्टी कमिश्नरों के साथ हुई बैठक में इसके तहत जल्द से जल्द पौधे लगाए जाने की हिदायतें दी थी। सचिव की बैठक के बाद जिले में इस प्रोग्राम के लिए ब्ल्यू ¨प्रट भी तैयार हो गया और पंचायती जमीनों की भी पहचान कर ली गई मगर तत्कालीन जिला विकास प्रोजेक्ट अधिकारी इकबाल जीत ¨सह के तबादले के बाद यह प्रोजैक्ट वहीं रुक गया।
जिले के 752 गांवों की 843 पंचायतों के पास कुल 8,206 एकड़ पंचायती जमीन है। सरकारी नियमों के तहत इस जमीन का दो तिहाई हिस्सा 6,334 एकड़ अनुसूचित जाति के लोगों को खेती के लिए खुली बोली में दी जानी है जबकि बाकी बची 1,872 एकड़ जमीन पर पौधे लगाए जाने थे। तत्कालीन डीडीपीओ इकबाल जीत ¨सह ने इसके लिए ब्ल्यू ¨प्रट तैयार करवाने के बाद उक्त जमीन की भी पहचान कर ली, जिन पर पौधे लगाए जाने थे। ¨सह के यहां से तबादले के बाद यह प्रोजेक्ट अधर में रह गया। आज दो महीने से भी ज्यादा का वक्त बीतने के बाद ही इस में कुछ शुरुआत नहीं हो सकी।
लगाए जा रहे हैं पौधे
शहर में पौधे लगाए जाने के साथ-साथ गांवों में भी पौधे लगाए जा रहे हैं। इस बाबत अलग-अलग विभागों के अधिकारियों तथा समाज सेवी संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक के बाद उन्हें इसमें शुरुआत करने को कहा गया है।
कमलदीप ¨सह संघा, डिप्टी कमिश्नर अमृतसर।
रिपोर्ट डीसी को सौंपी
मार्च में ही इसके लिए ब्ल्यू ¨प्रट तैयार कर लिया गया था। तब पंचायती जमीनों की पहचान के बाद इसकी रिपोर्ट डिप्टी कमिश्नर कमलदीप संघा को दे दी थी। लेकिन इस बीच ही उनका यहां से तबादला हो गया।
इकबालजीत ¨सह, तत्कालीन डीडीपीओ।