गर्मियों की छुंिट्टयों का लुत्फ नहीं उठा पाएंगे शिक्षक
संवाद सहयोगी, अमृतसर : पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के वार्षिक परीक्षा परिणाम में लचर नतीजे के बाद
संवाद सहयोगी, अमृतसर : पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के वार्षिक परीक्षा परिणाम में लचर नतीजे के बाद अब अध्यापकों को जून में स्कूलों की सफाई में पसीना बहाना पड़ेगा। सूरज की धधकती आग में बच्चे तो जरूर घरों में छुट्टियों का लुत्फ लेंगे पर अध्यापक स्कूल कैंपस की साफ सफाई करते हुए गर्मी से जूझते हुए नजर आएंगे। उल्लेखनीय है कि पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के वार्षिक बारहवीं की परीक्षा में 62 प्रतिशत व दसवीं में 58 प्रतिशत ओवरऑल परिणाम आया था। इस परीक्षा परिणाम को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री अम¨रदर ¨सह भी नाखुशी प्रकट कर चुके हैं। अलग-अलग समय पर चुनावी ड्यटी के साथ-साथ गैर अध्यापन कार्यों से जूझने वाले अध्यापकों के लिए छुट्टियों के दिनों में स्कूल में आकर साफ-सफाई व अन्य कार्य करने का आदेश काफी असहनीय साबित हो सकता है। शिक्षा विभाग के इस पत्र के बाद विभिन्न अध्यापक संगठनों में इसका विरोध भी शुरू हो गया है।
शिक्षा विभाग द्वारा जुलाई से पहले स्कूलों में गंदगी तथा अन्य खामियों को दूर करवाने के लिए हरेक अध्यापक को साफ-सफाई करवाने के निर्देश दिए हैं। विभाग ने स्पष्ट किया है कि यदि आदेशों का पालन नहीं किया गया तो संबंधित अध्यापक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। विभाग के निर्देश जारी होने के बाद अध्यापक संगठन भड़क गए हैं तथा उन्होंने विभाग के फैसले का डटकर विरोध किया है।
डायरेक्टर जनरल स्कूल शिक्षा पंजाब द्वारा सभी जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों के भेजे गए निर्देश में कहा गया है कि गर्मियों की छुट्टियों में स्कूलों में रहती खामियों तथा गंदगी को दूर करने के लिए प्रयास करें। बरसात के मौसम से पहले स्कूल की छतों पर साफ-सफाई करवाई जाए। मैदान को दुरुस्त किया जाए। स्कूल के कमरों को रिपेयर की जरूरत पड़ती है तो छुट्टियों में ही रंग-रोगन करवाया जाए। निर्देश में स्पष्ट कहा गया है कि स्कूल में पढ़ाई का माहौल बनाकर पीने वाले पानी तथा हरेक जरूरत को मद्देनजर रखते हुए खामियों को दूर करवाया जाए। इन सभी कार्यों को करवाने के लिए अध्यापकों को स्कूलों में आना होगा। विभाग के इस फैसले से अध्यापक संगठनों ने विरोध जताया है।
डेमोक्रेटिक टीचर फ्रंट के अध्यक्ष अश्विनी अवस्थी ने कहा है कि अफसरशाही जानबूझकर ऐसे पत्र जारी कर अध्यापकों को परेशान कर रही है। सरकार को गुमराह करवा कर ऐसे पत्र जारी किए जा रहे हैं। सरकार को भी ऐसे अधिकारियों की पहचान करनी होगी जो सरकार की कारगुजारी पर धब्बा लगाने के लिए काम कर रहे हैं। यह एक तुगलकी फरमान है। डीटीएफ इसका कड़ा विरोध करती है।
इस संबंध में डिप्टी डीईओ रविंदर सिंह पप्पू ने कहा कि विभाग के हरेक निर्देश का पालन किया जाएगा। जो पत्र विभाग की ओर से जारी हुआ है उसे स्कूलों के प्रिंसिपलों को भेज दिया जाएगा।