अब भारत-पाक सीमा पर तस्करों व घुसपैठियों पर लेजर किरणें रखेंगी नजर
भारत-पाक सीमा पर अब लेजर किरणें भी सीमा सुरक्षा में मदद करेंगी। सीमा पर किसी भी गतिविधि पर अलार्म बज उठेगा।
क्या है लेजर वाल
लेजर वाल से इंफ्रारेड किरणें निकलती हैैं, जो टार्च की तरह काम करती है। इसमें से टार्च की रोशनी की तरह बीम (किरणें) निकलती हैैं। जब कोई इसकी सीमा में पहुंचता है तो बीम (किरणें) कट जाती हैैं और अलार्म बज उठता है। यही अलार्म जवानों के लिए संकेत होता है।
क्यों जरूरत पड़ी
पाकिस्तान के साथ सटी सीमा हमेशा से अतिसंवेदनशील है। पंजाब सीमा में कुछ जगह तो तस्करों तथा घुसपैठियों के लिए पसंदीदा रही है। लेजर वाल इंस्टाल करने से पहले इन जगहों की पहचान की गई, जहां घुसपैठ और तस्करी की ज्यादा वारदातें हुई।
अजनाला सेक्टर में टकराया था पक्षी
पंंजाब सीमा में भारत-पाक सीमा पर इंस्टाल की गई लेजर वाल के साथ पिछले साल एक पक्षी टकराया था, क्योंकि पक्षी के इंफ्रारेड किरणों के बीच आने पर बीम कट गया और भारतीय सुरक्षा बलों ने इसे तस्करी और घुसपैठ की कोशिश समझते हुए कुछ राउंड फायर किए। बाद में जांच के बाद इसका खुलासा हुआ था।
तस्करी और घुसपैठ पर रोक लगाने के लिए प्रभावी तरीका
तस्करी और घुसपैठ पर रोक लगाने के लिए यह बहुत प्रभावी तरीका है। इसे लगाए जाने के बाद तस्करों तथा घुसपैठियों के लिए भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करना बहुत मुश्किल हो गया है, क्योंकि लेजर वाल की जद में आते ही जवानों को इसका और हलचल वाली लोकेशन का पता चल जाएगा।
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