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अनुराग ठाकुर के नाम पर ठगी, रणजी टीम में शामिल कराने का झांसा दे वसूले पांच लाख

अमृतसर के एक व्‍यक्ति ने शिमला के एक व्‍यवसायी पर बीसीसीआइ अध्‍यक्ष अनुराग ठाकुर से परिचय का झांसा दे पांच लाख रुपये ठगने का आरोप लगाया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 30 Jul 2016 03:32 PM (IST)Updated: Sat, 30 Jul 2016 05:20 PM (IST)
अनुराग ठाकुर के नाम पर ठगी, रणजी टीम में शामिल कराने का झांसा दे वसूले पांच लाख

जेएनएन, अमृतसर। यहां बीसीसीआइ अध्यक्ष अनुराग ठाकुर के नाम पर ठगी करने का एक मामला सामने आया है। इस संबंध में यहां कोतवाली थाना में मामला दर्ज किया गया है। यहां के एक व्यक्ति ने शिमला के एक व्यवसायी पर अपने बेटे को हिमाचल प्रदेश की टीम में शामिल कराने के लिए पांच लाख रुपये लेने का अारोप लगाया है। पुलिस अभी मामले की जांच की जा रही है।

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शहर के लोहगढ़ निवासी मनमोहन शर्मा ने पुलिस में दी शिकायत में कहा है कि हिमाचल प्रदेश के शिमला के सचिन डोगरा नामक व्यक्ति से उनका पिछले दिनों संपर्क हुआ। सचिन की वहां कार एजेंसी है। उसका बेटा संजीवन क्रिकेट खिलाड़ी है। कुछ समय पहले सचिन डोगरा से उनकी मुलाकात हुई तो उस समय संजीवन भी मनमोहन के साथ था।

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मनमाेहन के अनुसार , सचिन डोगरा ने उनके बेटे को देखा और उसे जब यह पता चला कि वह क्रिकेट खिलाड़ी है तो कहने लगा कि वह उसे क्रिकेट में बड़े मुकाम तक पहुंचा सकता है। उसने कहा कि वह बीसीसीआइ अध्यक्ष अनुराग ठाकुर को जानता है। वह उसके बेटे को रणजी ट्रॉफी की टीम में स्थान दिला सकता है।

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मनमोहन ने कहा कि वह इसके बाद उसके झांसे में आ गया और उसे बेटे के लिए कुछ करने को कहा। इस पर सचिन डोगरा ने कहा कि वह अध्यक्ष से बात करेंगे। कुछ समय बाद उसने कहा कि बीसीसीआइ अध्यक्ष से बात हो चुकी है और सात लाख रुपये देकर वह रणजी खेल सकता है। बाद में सौदा पांच लाख में तय हो गया।

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मनमोहन शर्मा के मुताबिक उन्होंने किसी तरह से पांच लाख रुपये का बंदोबस्त किया और सचिन डोगरा को दे दिए। लेकिन, इसके बद भी डोगरा ने न तो बेटे को रणजी टीम में शामिल कराया और न ही उससे लिए रुपये ही लाैटाए। थाना प्रभारी संजीव कुमार ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और आरोपी की गिरफ्तारी के लिए छापामारी की जा रही है।


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