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बादल सरकार द्वारा किसानों को जारी किए 4 करोड़ के चैक बाउंस

जागरण संवाददाता, तरनतारन कंटीली तार की लपेट में आई किसानों की 21 हजार, 500 एकड़ उपजाऊ जमीन के ब

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Jul 2017 01:01 AM (IST)Updated: Sun, 23 Jul 2017 01:01 AM (IST)
बादल सरकार द्वारा किसानों को जारी किए 4 करोड़ के चैक बाउंस
बादल सरकार द्वारा किसानों को जारी किए 4 करोड़ के चैक बाउंस

जागरण संवाददाता, तरनतारन

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कंटीली तार की लपेट में आई किसानों की 21 हजार, 500 एकड़ उपजाऊ जमीन के बदले पंजाब सरकार द्वारा विधान सभा चुनावों के कुछ दिन पहले 20 करोड़ 50 लाख रुपए मुआवजा स्वरूप बांटे थे। इनमें से करीब 4 करोड़ की राशि के चैक बाउंस हो गए हैं। इससे किसानों में आक्रोश है। यह मुआवजा किसानों को वर्ष 2015 का मिला था। इस दौरान पंजाब के 5 जिलों में मुआवजा राशि बांटी गई थी। जबकि फाजिल्का जिले को मिली राशि चुनावी मौके पर पेंशनरों को खुश करने के लिए बांट दी गई थी।

पंजाब बार्डर एरिया किसान वेल्फेयर सोसायटी (पीबीएकेडब्लयूए) के अध्यक्ष रघुबीर सिंह भंगाला, उपाध्यक्ष सुरजीत सिंह खेमकरन, महासचिव सेवक सिंह रटौल ने प्रेस कान्फ्रेंस करके बताया कि कंटीली तार के पार जमीनों का मुआवजा विधान सभा चुनावों से पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने 20 करोड़ 50 लाख रुपए मुआवजे स्वरूप बांटा था। सरकार द्वारा जिला पठानकोट, गुरदासपुर, तरनतारन, फाजिल्का, अमृतसर, फिरोजपुर के डिप्टी कमिश्नरों को उक्त राशि बांटी गई थी। सभी जिलों के डीसी ने किसानों को मुआवजा राशि बांट दी परंतु फाजिल्का जिले के डीसी ने किसानों को उनकी राशि मुहैया करवाने की बजाए बुजुर्गो की पेंशन में यह राशि खर्च कर ली थी। रघुबीर सिंह भंगाला ने बताया कि कंटीली तार के पार वाली जमीन के मालिक किसानों को जारी किए 4 करोड़ के चैक बाउंस हो चुके हैं। जबकि 2016, 2017 का मुआवजा भी जारी नहीं हो पाया और न ही सरकार के पास फंड है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र और पंजाब सरकार द्वारा मिलकर किसानों को 20 करोड़ 50 लाख का मुआवजा दिया गया था। मुआवजे के चैक बाउंस होना सरकार की आर्थिक हालत को ब्यान करता है। उन्होंने कहा कि चुनावी मौके पर तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने वोट बैंक हथियाने के लिए मुआवजे के चैक जारी किए थे। भंगाला ने कहा कि तरनतारन जिले के गांव गजल, राजोके, मीयांवाला की 300 एकड़ जमीन का अनुमान अभी तक तैयार ही नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि कंटीली तार के पार वाली जमीन के किसान आर्थिक तौर पर मंदहाली से गुजर रहे हैं। इन किसानों का बिना किसी शर्त सारा खर्च माफ किया जाना चाहिए। माफ करवाने और बाउंस हुए चैकों की राशि वसूलने के लिए 27 जुलाई को फिरोजपुर के कमिश्नर कार्यालय का घेराव किया जाएगा। इस मौके पर जगीर सिंह गुरदासपुर, गुरदीप सिंह, मेजर सिंह पठानकोट, काबल सिंह अमृतसर, प्रगट सिंह तरनतारन, ढौला माही फिरोजपुर, सुखदेव सिंह फाजिल्का आदि मौजूद थे।


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