जमानत पर छूटे 240 स्नेचर, बरपा रहे महानगर में कहर
नवीन राजपूत, अमृतसर जेल से जमानत पर छूट चुके 240 स्नेचर रोजाना पर्यटकों, श्रद्धालुओं और शहरवासियों
नवीन राजपूत, अमृतसर
जेल से जमानत पर छूट चुके 240 स्नेचर रोजाना पर्यटकों, श्रद्धालुओं और शहरवासियों को अपना शिकार बना रहे हैं। आरोपी महानगर के विभिन्न इलाकों में बड़ी आसानी से वारदात को अंजाम देकर फरार हो जाते हैं। हालांकि पुलिस बल लगातार कुछ लुटेरों की धरपकड़ कर रहा है। लेकिन कुछ दिनों के भीतर ही वह दोबारा जेल से जमानत पर छूट जाते हैं। बाहर आकर वह फिर दोबारा वारदातों को अंजाम देना शुरू कर देते हैं।
हरप्रीत कौर ने सी डिवीजन थाने की पुलिस को बताया कि वह अपने परिवार के साथ श्री दरबार साहिब माथा टेकने आई थी। परिवार के लोग रिक्शा पर सवार थे। इस बीच बाइक सवार दो लुटेरों ने उनके हाथ में पकड़ पर्स झपट लिया। महिला के मुताबिक उन्होंने पर्स में 47 हजार रुपये नगद और कुछ जरूरी सामान रखा हुआ था। अन्य मामले में सरोज चौरसिया ने बताया कि वह वेरका के पास शुकरचक इलाके के पास चार लोगों ने उन्हें घेर कर लूट लिया। उन्होंने अपने पर्स में 32 हजार रुपये, मोबाइल और जरूरी दस्तावेज रखे हुए थे। आरोपी सारा सामान लेकर फरार हो गए। बाद में जांच के बाद पुलिस ने आरोपियों की पहचान रवि, बोरी, पम्मा और शेरा के रूप में बताई है। एएसआई अमर सिंह ने बताया कि आरोपियों की गिरफ्तार के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है। तीसरे मामले में सचिन शर्मा ने सिविल लाइन थाने की पुलिस को बताया कि वह किसी काम से विशाल मेघा मार्ट के पास से गुजर रहे थे। इस बीच उनके फोन घंटी बजी और उन्होंने फोन सुनने के लिए जेब से निकाला। पीछे से आ रहे बाइक सवार दो युवकों ने उनके हाथ से मोबाइल झपट लिया और फरार हो गए।
सूचना पर होती है धरपकड़-सीपी
पुलिस कमिश्नर जी नागेश्वर राव ने स्पष्ट किया है कि पुलिस विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 240 स्नेचर जमानत पर छूट चुके हैं। पुलिस ंिवभाग सबूतों के साथ आरोपियों के ठिकानों पर छापेमारी कर रहा है। सीपी ने बताया कि उक्त आंकड़े में से कुछ लोग शहर छोड़कर जा चुके हैं और कुछ अपराध की दलदल से निकलने का प्रयास कर रहे हैं।
कमजोर तथ्यों पर छूटते हैं लुटेरे -वकील रजनी जोशी
अपराध मामलों की माहिर वकील रजनी जोशी ने बताया लूट के मामलों पर सैशन ट्रायल चलता है। एफआईआर में तथ्य कमजोर हैं तो लुटेरे को एक महीने में जमानत मिल जाती है। अगर एफआईआर मजबूत है और पुलिस चालान पेश ना करे तो जमानत के लिए तीन महीने से ज्यादा का समय भी लग सकता है।