पहले बचत का ज्ञान, फिर योग में ध्यान
नितिन धीमान, अमृतसर : योगाभ्यास करते हुए इन लोगों को देखकर आभास होता है यह किसी योग साधना आश्रम का द
नितिन धीमान, अमृतसर : योगाभ्यास करते हुए इन लोगों को देखकर आभास होता है यह किसी योग साधना आश्रम का दृश्य है। असल में योग क्रियाओं में तल्लीन ये लोग सरकारी बाबू हैं। जिस स्थान पर बैठकर ये बाबू योग कर रहे हैं वह अमृतसर का डाकघर है। मजीठ मंडी स्थित इस डाकघर में हर शाम ऐसी योग कक्षा लगती है। खास बात यह है कि इस कक्षा में डाकघर के अधिकारी व कर्मचारी एक संग बैठ कर योग क्रियाएं संपन्न करते हैं।
इस डाकघर में हर रोज सायं साढ़े पांच बजे योग का क्रम शुरू होता है। योग प्रशिक्षक के निर्देशन में ये कर्मी टाट बिछाकर बैठते हैं और तकरीबन एक घंटा तक योगाभ्यास करते हैं। डाकघर के सब पोस्टमास्टर नलिन कपूर बताते हैं कि दिनभर लोगों की आरडी, एफडी, मनीऑर्डर, चिट्ठी पत्री का काम निबटाने में व्यस्त रहकर सभी डाक कर्मी शाम तक बोझिल हो जाते थे। मानसिक थकान के कारण कई मर्तबा कुर्सी से उठने की हिम्मत भी शेष नहीं बचती थी। घर पहुंचकर भी मन बुझा-बुझा सा रहता था। एक दिन डाकघर में आए एक ग्राहक ने ही हमारी हालत देखी तो योग करने की सलाह दी। उसका यह सुझाव हमें पसंद आया। फिर क्या था, हमने योग प्रशिक्षक जसपाल सिंह मिंटू से संपर्क किया। उन्होंने शाम साढ़े पांच बजे योग क्लास लगवाने की हामी भर दी। इसके बाद यह यह क्रम लगातार जारी है। योग करने से सभी कर्मचारियों का तन और मन प्रसन्न रहता है। पिछले कुछ महीनों में डाक कर्मचारियों के स्वभाव में अप्रत्याशित ढंग से परिवर्तन आया है। वे हर ग्राहक से प्यार से बात करते हैं। कई ग्राहक ऊंचा-नीचा कह भी दें तो भी डाक कर्मचारी बड़ी सहनशीलता से उसे जवाब देते हैं। पूरा दिन लोगों को बचत का ज्ञान बांटते हैं और फिर शाम को योग में ध्यान लगाते हैं।
नलिन कपूर का कहना है कि आजकल डाकघरों का कामकाज हाइटेक हो गया है। बैंकों की तरह ही डाकघरों में लोगों की लाइनें लगती हैं। पूरा दिन लोगों से माथापच्ची करने के कारण शारीरिक व मानसिक अवस्था खराब हो रही थी। अब योग करने से जहां मानसिक तनाव से मुक्ति मिल रही है, वहीं कुर्सी पर बैठ कर बढ़ चुका वजन भी कम होने लगा है। इस योग कक्षा में पोस्टल असिस्टेंट सर्बजीत सिंह, संजीव कुमार, अजय कुमार सहित कुछ एजेंट भी शामिल होते हैं।