बुत मलिका की जगह सुशोभित हुए शेर-ए-पंजाब
अशोक नीर, अमृतसर : जिस स्थान पर कभी ब्रिटेन की महारानी मलिका का बुत शोभायमान था, आज वहां पर शेर-ए-पं
अशोक नीर, अमृतसर : जिस स्थान पर कभी ब्रिटेन की महारानी मलिका का बुत शोभायमान था, आज वहां पर शेर-ए-पंजाब महाराजा रंजीत सिंह का बुत स्थापित कर पंजाब सरकार ने महान योद्धाओं को सम्मान दिया है। श्री हरिमंदिर साहिब की तरफ जाने वाले चौक फव्वारा में स्थापित किए गए शेर-ए-पंजाब के बुत के सबसे नीचे 65 शेरों के मुंह के फव्वारे स्थापित किए हैं। दूसरे स्तर पर पानी के झरने, तीसरे स्थल पर हाथियों के झुंड व चौथे स्थल पर गुफाएं व उनसे टपकता पानी इस बुत की शोभा को चार चांद लगा रहे हैं। इसके साथ ही शेर-ए-पंजाब के बुत के साथ-साथ दो निहंग सिंह शेर के पास खड़े दिखाई दे रहे हैं। पांचवें स्तर पर शेर-ए-पंजाब महाराजा रंजीत सिंह द्वारा किए गए युद्धों का वर्णन है। छठे स्तर पर महाराजा रंजीत सिंह के जरनैल के छोटे-छोटे बुत स्थापित कर पंजाब के इस महान शासक के पूरे जीवन का विवरण इस बात का संकेत देता है कि सिख शासन के यह पहले शासक ने श्री हरिमंदिर साहिब की सेवा कर अपना नाम इतिहास में सदा स्वर्ण अक्षरों में लिख दिया है।
श्री हरिमंदिर साहिब तक जाने वाले रास्तों की सभी इमारतों को गोल्डन मैटेलिक रंग के साथ रंग दी गई हैं। इसका डिजाइन गुरुनानक देव विश्वविद्यालय के श्री गुरु रामदास स्कूल ऑफ प्लानिंग के विशेषज्ञों ने किया है।
इसके साथ ही गोल्डन प्लाजा की बेसमेंट में पचास करोड़ की लागत से मल्टीमीडिया इंटरपेटीशन सेंटर स्थापित किए गए हैं। इसके माध्यम से सिख धर्म व सरबत के भले के मंत्र के बारे में श्रद्धालुओं को जानकारी दी जाएगी। यहां पर चार बड़े हॉल स्थापित किए गए हैं। यहां पर पंजाबी के साथ-साथ तीन अन्य भाषाओं में श्रद्धालुओं को सिख धर्म व गुरु साहिबान के बारे में जानकारी दी जाएगी। पहले हॉल में श्री गुरु नानक देव जी द्वारा सिख धर्म की स्थापना से लेकर अन्य गुरु साहिबान द्वारा सिखी के उत्थान, प्रचार से लेकर श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के जीवन काल तक जानकारी मिलती है।
दूसरी गैलरी में सिख इतिहास बताने के लिए एक लाइव प्रेजेंटेशन व लेजर शो का प्रयोग किया गया है। इसके माध्यम से श्रद्धालुओं को सिख धर्म के बारे में आसानी से जानकारी दी जा सकेगी।
तीसरे हॉल में श्री दरबार साहिब के मॉडल, आसपास व त्यौहारों में होने वाली गतिविधियों के बारे में जानकारी दी जाएगी। चौथी गैलरी में होलोग्राफिक्स व वीडियो के माध्यम से श्री दरबार साहिब के डिजाइनों, मीनाकारी, चित्रकला व सिख धर्म के सिद्धांतों के बारे में जानकारी दी जाएगी। इस पूरे प्रोजेक्ट में श्री हरिमंदिर साहिब के आसपास की 170 इमारतों को प्राचीन रूप दिया गया है।
इस अवसर पर बिक्रम सिंह मजीठिया, रविंदर सिंह ब्रह्मापुरा, तरुण चुघ, मेयर बख्शीराम अरोड़ा, गुरप्रताप सिंह टिक्का, नवदीप गोल्डी, कमिश्नर सोनाली गिरि, आईजी कुंवर विजय प्रताप सिंह सहित कई प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी उपस्थित थे।