साढे़ नौ हजार लोगों पर एक ट्रैफिक पुलिस कर्मी
नवीन राजपूत, अमृतसर : रोजाना बढ़ रहे वाहनों की संख्या के चलते शहर की विकराल बन चुकी ट्रैफिक व्यवस्था
नवीन राजपूत, अमृतसर : रोजाना बढ़ रहे वाहनों की संख्या के चलते शहर की विकराल बन चुकी ट्रैफिक व्यवस्था से निपटना ट्रैफिक पुलिस के लिए एक चुनौती बन गया है। कम संख्या, राजनीतिक दबाव झेल रही, समय से ज्यादा ड्यूटी करने को मजबूर मुलाजिम इस समस्या का समाधान करने में विफल हैं। शहर के प्रत्येक चौक में जाम लगता है तो प्रत्येक व्यक्ति पुलिस को कोसता है। लेकिन किसी ने यह नहीं सोचा कि मात्र 191 पुलिस मुलाजिम उन्हें बिगड़ चुकी ट्रैफिक से निकालने में सड़कों पर काम कर रहे हैं।
शहर की जनसंख्या इस समय अठारह लाख बताई जा रही है। उक्त आंकड़े को शहर की सड़कों पर सूचारू तरीके से चलाने के लिए पुलिस के ट्रैफिक विंग ने 191 मुलाजिमों का अमला लगाया है। पूरे शहर को चार जोन में बांट कर मुलाजिमों की नफरी को बांटा गया है। इनमें तीन इंस्पेक्टर, दो सब इंस्पेक्टर (एक महिला) एएसआई 28, हेड कांस्टेबल 95, महिला हेड कांस्टेबल बीस, कांस्टेबल 23 और महिला कांस्टेबल 22 और पंजाब होमगार्ड के कुछ जवान तैनात हैं।
ट्रैफिक पुलिस की नफरी और शहर की जनसंख्या पर गौर किया जाए तो एक पुलिस कर्मी साढ़े नौ हजार लोगों को सड़क यातायात के नियम सिखा रहा है, जो काफी कठिन है।
हाजिरी लगाना बना सिरदर्दी
सारे विभाग में मैन्यूल हाजरी लगाई जाती है, लेकिन ट्रैफिक पुलिस में प्रत्येक मुलाजिम को अपने कार्यालय पहुंच कर बायोमीट्रिक तरीके से हाजिरी लगानी पड़ती है। अगर मुलाजिम की ड्यूटी सुल्तानविंड रोड पर लगी है तो उसे सुबह और शाम दोनों समय दफ्तर आकर अपनी हाजिरी लगानी पड़ती है।
राजनीतिक दबाव के चलते भाग रहे मुलाजिम
नाम नहीं छापने की शर्त पर एक इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी ने बताया कि ज्यादातर मुलाजिम परेशान होकर ट्रैफिक विंग से अपना तबादला करा रहे हैं। उन्होंने बताया कि अगर कोई मुलाजिम अपना फर्ज निभाते हुए किसी का चालान काटने लगता है तो 90 फीसद लोग किसी मंत्री, विधायक, पार्षद, प्रधान और पुलिस अधिकारी से बात करा देते हैं। इन हालातों में मुलाजिम खुद को बेइज्जत महसूस करते हैं।
नफरी को लेकर लिख चुके हैं विभाग को : एसीपी हरदियाल सिंह
एसीपी ट्रैफिक हरदियाल सिंह ने बताया कि ट्रैफिक विंग में लगातार कम हो रही नफरी को लेकर वह आलाधिकारियों को लिख चुके हैं। जल्द इसे पूरा कर लिया जाएगा। बावजूद इसके मुलाजिमों में काम करने का पूरा उत्साह है। पुलिस शहर की ट्रैफिक व्यवस्था सुचारू करने के लिए सक्षम है।