स्कूलों में दलित बच्चों के साथ सबसे अधिक उत्पीड़न
जागरण संवाददाता, अमृतसर : स्कूलों में दलित बच्चों के साथ सबसे अधिक उत्पीड़न किये जाते हैं, इसका खुल
जागरण संवाददाता, अमृतसर :
स्कूलों में दलित बच्चों के साथ सबसे अधिक उत्पीड़न किये जाते हैं, इसका खुलासा राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष डा. राजकुमार वेरका ने किया। बतौर मुख्य मेहमान वह दिल्ली में आयोजित सेमिनार को संबोधित कर रहे थे। सेमिनार में 50 से अधिक ऐसे दलित बच्चों ने हिस्सा लिया जिनकी उम्र 18 साल से कम थी और उनके साथ उत्पीड़न की घटनाएं घट चुकी थी।
दिल्ली में यह सेमिनार सेंटर फॉर सोशल इक्विटी एंड इंक्लुसिओन, चिल्ड्रेन्स मूवमेंट फॉर क्लाइमेट जस्टिस, नेशनल दलित मूवमेंट फॉर जस्टिस तथा राइट एजुकेशन फोरम की ओर से आयोजित किया गया। इस सेमिनार में मुख्य रूप से जन जागरण मंच छत्तीसगढ़, कला रत्न सोशल एजुकेशन सोसाइटी मध्य प्रदेश, मल्टी आर्ट एसोसिएशन झारखण्ड, नेशनल अलायन्स ग्रुप पंजाब, उड़ीसा रीजनल आर्गेनाइजेशन, राइट एजुकेशन एंड डेवलपमेंट तमिलनाडु तथा राइट्स केरल ने हिस्सा लिया। सब अपने साथ ऐसे ऐसे बच्चों के मुद्दे लेकर आये थे जो उत्पीड़न के शिकार हुए थे। इसके समाधान को लेकर आयोग के समक्ष एक रिपोर्ट भी पेश की गयी।
आयोग के उपाध्यक्ष डॉक्टर वेरका ने बताया कि इस सेमिनार से सामने आया कि क्यों दलित बच्चों के साथ उत्पीड़न के मामले अधिक होते हैं और क्यों वह बीच में ही पढ़ाई छोड़ जाते हैं। डॉक्टर वेरका ने बताया कि अधिकतर केस ऐसे थे जिसमें नाबालिग दलित लड़कियों के साथ जबरन बलात्कार किया गया था। 50 से अधिक ऐसे बच्चे तो सेमिनार में ही आये थे। इसके अलावा दलित बच्चों के पढ़ाई छोड़ने के कई ऐसे मामले सामने आए जिसमें स्कूल का बच्चों पर ध्यान न रखना या फिर स्कूल या कॉलेज मैनेजमेंट द्वारा मनमानी फीस वसूलना था। आयोग ने इस सेमिनार में दलित बच्चों की समस्याओं को लेकर आई सभी संस्थाओं के साथ संपर्क साधा हुआ है और भविष्य में ऐसे उत्पीड़न को रोकने के लिए आयोग सख्ती से कार्य करेगा।