अमृतसर स्टेशन पर पटरी से उतरी रेल
संवाद सहयोगी, वेरका : अमृतसर रेलवे स्टेशन पर वीरवार सुबह 11 बजे ट्रेन पटरी से उतर गई। शंटिग के दौरान
संवाद सहयोगी, वेरका : अमृतसर रेलवे स्टेशन पर वीरवार सुबह 11 बजे ट्रेन पटरी से उतर गई। शंटिग के दौरान स्टेशन पर पड़े स्पेयर डिब्बों को इकट्ठा करते हुए यह हादसा हो गया।
प्लेटफार्म नं. 2 के अटारी साइट बने यार्ड में इंजन सहित पांच डिब्बों की ट्रेन का तीसरा डिब्बा पटरी से उतरकर स्लीपर पर जा गिरा। ट्रेन ड्रेनिंग की सूचना मिलते ही अधिकारियों व कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। आनन फानन में सारे कर्मचारी घटना स्थल पर पहुंचे तथा ट्रेन को ट्रैक पर लाने के लिए प्रयास किए गए। डिवीजनल ऑपरेटिंग मैनेजर मनजीत सिंह भुल्लर, डिवीजनल इंजीनियर पामीर अरोड़ा, स्टेशन अधीक्षक विमल कुमार सहित अधिकारियों ने कर्मचारियों को जल्द से जल्द ट्रेन को ट्रैक पर लाने के निर्देश दिए। उसका बड़ा कारण यह था कि रेल मंडल फिरोजपुर के डीआरएम अनुज प्रकाश अधिकारियों के अमले के साथ बुधवार देर शाम अमृतसर पहुंचे थे। वाघा में भारत पाक रेल अधिकारियों की बैठक के बाद उन्होंने अमृतसर रेलवे स्टेशन पर रेल यात्री एवं ग्राहक सुविधा पखवाड़े पर विचार करनी थी। दो घंटे की कड़ी मेहनत के बाद ट्रेन को ट्रैक पर लाया गया। इसके बाद कर्मचारियों ने ट्रैक की रिपेयर कर प्लेटफार्म नं. 2 पर यातायात शुरू करवाया।
गुस्से के बावजूद भी लाए ट्रैक पर ट्रेन
विभाग से नाराजगी के चलते एनआरएमयू की इंजीनियरिंग ब्रांच के कर्मचारियों ने बुधवार से ही काम बंद कर दिया था। लेकिन अपने यूनियन कार्यालय के बिल्कुल पास ही जब ट्रेन के ट्रैक के उतरने की सूचना मिली तो अपनी सुप्रीम ड्यूटी समझकर ब्रांच के कर्मचारी गाड़ी लाइन पर लाने के लिए दौड़ पड़े। ट्रैक पर ट्रेन को बिठाने के बाद फिर से गुस्सा जाहिर करते हुए काम छोड़कर यूनियन कार्यालय में चले गए। कर्मचारियों ने बताया कि गुस्सा विभाग से है। अगर वे मदद नहीं करते तो प्लेटफार्म नं. 2 ब्लाक हो जाता।
क्या कहते हैं डिवीजनल इंजीनियर
इस मामले में सब डिवीजनल इंजी. पामीर अरोड़ा ने बताया कि ट्रैक में किसी प्रकार की खराबी नहीं थी। इसलिए मैकेनिकल, इंजीनियर विभागों की गलती नहीं है। हो सकता है कि इस मामले की गाज रेल ट्रैफिक विभाग पर गिर सकती है।