डबल वोट मामले में जोशी को नहीं मिली राहत
जागरण संवाददाता, अमृतसर : स्थानीय निकाय मंत्री अनिल जोशी को डबल वोट मामले में कोई राहत नहीं मिली है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर : स्थानीय निकाय मंत्री अनिल जोशी को डबल वोट मामले में कोई राहत नहीं मिली है। यह कहना है एडवोकेट संदीप गोरसी और विनीत महाजन का। उन्होंने कहा कि डबल वोट का मामला सीजेएम (चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट) की अदालत में विचाराधीन है। नौ जून इसकी सुनवाई होने वाली है। इस मामले में जोशी समेत उनके सात पारिवारिक सदस्यों के खिलाफ जमानती वारंट जारी हुए हैं।
गोरसी व महाजन ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि जोशी पंजाब के लोगों को गुमराह कर रहे हैं। डबल वोट मामले में उन्हें अदालत से कोई क्लीनचिट नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि जोशी व उनके पारिवारिक सदस्यों के डबल वोट मामले की शिकायत मुख्य चुनाव आयोग से की गई थी। आयोग के निर्देश पर इनक्वायरी के बाद एडीसी की ओर से सीजेएम कोर्ट में 26 फरवरी 2014 को मामला दर्ज करवाया गया था। इस मामले में अदालत से जोशी के खिलाफ जमानती वारंट जारी हुए हैं। उन्होंने कहा कि जोशी कहते हैं कि वह कानून को मानते हैं तो फिर बताएं कि जमानती वारंट जारी हुए एक साल बीत जाने के बावजूद वह अदालत में अब तक पेश क्यों नहीं हुए। उन्होंने कहा कि डबल वोट मामले में प्रशासन की ओर से अदालत में मामला दर्ज करवाने को आधार बनाते हुए उन्होंने अक्टूबर 2014 में हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी। इसमें भारतीय चुनाव आयोग, विधानसभा के सेक्रेटरी, पंजाब स्टेट थ्रू चीफ सेक्रेटरी व विधायक जोशी को पार्टी बनाते हुए जोशी की विधानसभा की सदस्यता खारिज करने की मांग की गई थी। मंत्री पर डबल वोट बनाने के मामले में खुद आयोग के संज्ञान लेने के बाद प्रशासन ने केस दर्ज करवाए हैं, इसलिए अमृतसर उत्तरी हलके को रिक्त घोषित कर दोबारा चुनाव करवाने की मांग की गई थी। हाईकोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दी है। इस मामले में अब वह सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। एक सप्ताह में हम अपील करेंगे। हम जस्टिस के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। सत्य कुछ समय के लिए परेशान हो सकता है लेकिन पराजित नहीं।
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पंजाब से बाहर केस ट्रांसफर के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी
एडवोकेट संदीप गोरसी व विनीत महाजन ने बताया कि 307 के दर्ज हुए केस के मामले में भाजपा पार्षद प्रभजीत रटौल की ओर से सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर पिटीशन (टीपी) के लिए अर्जी दी गई है। वह इस मामले की सुनवाई पंजाब के बाहर करवाना चाहते हैं। उन्होंने अदालत में आवेदन दिया है कि मामले की सुनवाई दिल्ली या किसी अन्य राज्य में हो। बकौल गोरसी व महाजन भाजपा पार्षद को यहां की कानून व्यवस्था पर भरोसा नहीं है।