दिल में पंजाबी होगी तो जुबां मातृभाषा बोलेगी : चट्ठा
जागरण संवाददाता, अमृतसर : जनवादी लेखक संघ की अगुवाई में विश्व पंजाबी कांफ्रेंस की तैयारियों को लेक
जागरण संवाददाता, अमृतसर :
जनवादी लेखक संघ की अगुवाई में विश्व पंजाबी कांफ्रेंस की तैयारियों को लेकर एक सभा विरसा विहार में हुई। इसमें देश-दुनिया से पंजाबी भाषा के बड़े विद्वानों ने हिस्सा लिया। मुख्य अतिथि अजायब सिह चट्ठा (चेयरमैन, विश्व पंजाबी कांफ्रेंस (यूके)) थे, जबकि खास मेहमान बलदेव सिंह देयोल (सेक्रेटरी, विश्व पंजाबी कांफ्रेंस) थे। मंच का संचालन दीप दविंदर व देवदर्द ने किया जबकि पंजाबी भाषा के प्रचार व प्रसार के लिये अलग-अलग विद्वानों ने अपनी बात रखी।
मुख्य अतिथि अजायब सिह चट्ठा ने कहा कि अगर पंजाबी दिल में होगी तो जुबां यह भाषा बोलेगी। लेकिन सच्चाई यह है कि पंजाबी अपने घर में दूसरी भाषा बनती जा रही है। जबकि विश्व में पंजाबी कल्चर हावी हो रहा है। बलदेव सिंह देयोल ने कहा कि पंजाबी भाषा को विश्व भर में एक मंच देने के लिए विश्व पंजाबी कांफ्रेंस की जा रही है। जीएनडीयू के डॉ. परमिंदर ने कहा कि आज हम पंजाबी से दूर होते जा रहे हैं। साहित्यकार देवदर्द (प्रधान, जनवादी लेखक संघ) ने कहा कि हर भाषा आनी चाहिए लेकिन पंजाबियों को पंजाबी भुलाकर नहीं। दीप दविंदर (प्रसिद्ध पंजाबी लेखक ) ने कहा कि पंजाबी भाषा दिल की भाषा है, इसके शब्द अपनापन झलकता है, लेकिन आज के युवा पंजाबी भाषा को भूल रहे हैं।
इस मौके पर बलजीत कौर रियाड़, अरपिंदर संधू, सीमा संधू, सरबजीत संधू, मुख्तार गिल, जगतार गिल, रवि ठाकुर, जसवंत जस्स, मनमोहन सिंह ढिल्लो, हरजीत गिल, परमिंदर, इन्द्रजीत सिंह बासरके (कांग्रेसी नेता) व भारी गिनती में साहित्यकार, कवि, कवियत्री व जनवादी लेखक संघ के पदाधिकारी व सदस्य मौजूद थे।