बोनी ने सीएम से लोपोके की लगाई शिकायत
अशोक नीर, बिशंभरपुरा (अमृतसर) मुख्य संसदीय सचिव अमरपाल सिंह बोनी ने मंच से नीचे उतर रहे मुख्यमंत्र
अशोक नीर, बिशंभरपुरा (अमृतसर)
मुख्य संसदीय सचिव अमरपाल सिंह बोनी ने मंच से नीचे उतर रहे मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को सीढि़यों के बीचोबीच रोक लिया। बोनी ने बादल से कहा कि जिला अकाली जत्था देहाती के अध्यक्ष वीर सिंह लोपोके ने पार्टी में कुछ ऐसे लोगों को शामिल किया है जिनका अकाली दल के साथ न तो कोई वैचारिक संबंध है, न ही उनका कोई राजनीतिक आधार है। इन लोगों को देहाती जत्थे में शामिल करने के विरोध में अजनाला के ही पार्टी के बीस टकसाली नेताओं ने पद से त्यागपत्र दे दिया है। वीर सिंह लोपोके को ऐसा करने से रोका जाए। बादल ने बोनी की बात सुनी और सीढि़यों से नीचे उतर गए।
बोनी ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री को शिकायत की है कि देहाती जत्थे के संगठनात्मक ढांचे में नियुक्तियां करते समय पार्टी के टकसाली नेताओं की अनदेखी की जा रही है। वह इसका विरोध करेंगे। बादल को बीस टकसाली परिवारों द्वारा दिए गए इस्तीफे की जानकारी दे दी गई है। सोमवार को चंडीगढ़ में जाकर पार्टी के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को भी इसकी जानकारी दी जाएगी।
जिला अमृतसर के शिअद की देहाती इकाई में सुखबीर सिंह बादल ने वीर सिंह लोपोके को अध्यक्ष पद की जिम्मेवारी सौंपी है। इससे पहले बोनी के पिता व पूर्व सांसद डॉ. रतन सिंह अजनाला जिला अकाली जत्था देहाती के दस साल तक अध्यक्ष रहे हैं। संसद की सीट छिनने के बाद डॉ. अजनाला से देहाती अध्यक्ष पद का भी ताज छिनने से अजनाला परिवार में इस समय असंतोष है। वीर सिंह लोपोके ने भी अजनाला परिवार के राजनीतिक आधार को चोट पहुंचाने के लिए जत्थे में ऐसे लोगों की नियुक्ति की है जिनका विरोध अजनाला परिवार के साथ रहा है।
शहीद बाबा जीवन सिंह (भाई जैतो जी) के शहीदी दिवस को समर्पित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में मंच का संचालन कर रहे विधायक मनजीत सिंह मियांविंड ने भी वीर सिंह लोपोके को संबोधित करने का समय दिया। इस कार्यक्रम में डॉ. रतन सिंह अजनाला गैरहाजिर रहे।
सीमावर्ती गांवों के दलितों को राहत मिले : मजीठिया
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि सीमावर्ती जिलों के 32 प्रतिशत दलित भाईचारे के कल्याण के लिए पंजाब सरकार व केंद्र सरकार को साथ-साथ चलना होगा। तभी दलित समाज का भला होगा। अपने संबोधन के बाद जब मंच से मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल संबोधित कर रहे थे तो मजीठिया बीच में से ही उठकर चले गए। शायद मजीठिया को पता चल गया था कि पत्रकार उनसे सवाल करेंगे। इसीलिए वह वहां से पहले ही खिसक गए।
उधर, पंजाब विधानसभा के स्पीकर चरणजीत सिंह अटवाल ने मुख्यमंत्री बादल से कहा कि दलित परिवार के बच्चों को प्राइमरी शिक्षा के लिए विशेष प्रबंध किए जाएं।
लाल लकीर का मसला सुलझाया जाए : राणीके
मंत्री गुलजार ंिसह रणीके ने प्रकाश सिंह बादल से आग्रह किया कि गांवों में लाल लकीर की जमीन का विवाद समाप्त किया जाए। गरीब परिवारों को राहत देने के लिए लाल लकीर के भीतर उन्हें मलकीयत दी जाए। पंजाब सरकार द्वारा दलितों के कल्याण के लिए जो भी स्कीमें चलाई जा रही हैं उसका नाम शहीद बाबा जीवन सिंह के नाम पर रखा जाए। मौके पर मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, बाबा हरनाम सिंह खालसा व अन्य कई गणमान्य व्यक्तियों को सम्मानित भी किया गया।