2 वारदातें, 2 थाने, 2 दिन, पुलिस खाली हाथ
जागरण संवाददाता, अमृतसर : लूट की दो वारदातों के कारण सुल्तानविंड रोड पर स्वर्णकारों में दहशत का माहौ
जागरण संवाददाता, अमृतसर : लूट की दो वारदातों के कारण सुल्तानविंड रोड पर स्वर्णकारों में दहशत का माहौल है। दोनों ही वारदातों में दो थानों की पुलिस अभी तक लुटेरों का कोई भी सुराग नहीं लगा पाई है। शक के आधार पर सुल्तानविंड रोड तेजनगर चौक के दो युवकों को पुलिस ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था, मगर उनसे लूट की वारदात के बारे में कोई भी सुराग नहीं मिल पाया है। अब पुलिस की जांच इन इलाकों के पुराने हिस्ट्रीशीटरों की तरफ चल पड़ी है।
मंगलवार की रात लुटेरों ने मोहन नगर सुल्तानविंड रोड निवासी हरजीत सिंह के घर लूट की वारदात को अंजाम दिया। हरजीत सिंह की पत्नी कंवलजीत कौर को बंधक बनाकर दो लाख के जेवरात लूटे। डेढ़ घंटे बाद लुटेरों ने इसी जगह से चंद कदम की दूरी पर गुरु रामदास नगर में स्थित गुरुनानक ज्वेलर में दाखिल होकर सुनार परमजीत सिंह से दस लाख के जेवरात और सोना लूट लिया। मोहन नगर में हुई वारदात का केस थाना बी डिवीजन में और सुनार से हुई लूट की वारदात का केस थाना सुल्तानविंड में दर्ज किया गया है।
सुनार को शक था कि एक दिन पहले सोने की कमेटी देने आए दो युवकों ने ही इस वारदात को अंजाम दिया है। इसलिए शक के आधार पर पुलिस ने तेज नगर चौक में रहने वाले इन दोनों युवकों को हिरासत में लिया। उच्च्च पुलिस अधिकारियों ने इन दोनों ही आरोपियों से पूछताछ की, मगर इनसे लूट की वारदात के बारे में कोई भी सुराग नहीं मिल पाया है। हालांकि पुलिस मान रही है कि इन दोनों ही वारदातों को एक ही गैंग ने अंजाम दिया है। शिरोमणि अकाली दल बीसी विंग के जिला प्रधान दर्शन सिंह सुल्तानविंड, ऑल इंडिया स्वर्णकार मजदूर संघ के उपप्रधान स्वर्णजीत सिंह धन्ना और टाहली वाला चौक स्वर्णकार एसोसिएशन के प्रधान कुलदीप सिंह मोंदू का कहना है कि लूट की इन वारदातों से स्वर्णकारों में दहशत का माहौल है। उत्तर भारत की सबसे बड़ी तीली कोके की मार्केट में सुरक्षा का कोई प्रबंध नहीं है।
एक माह पहले उत्तरप्रदेश के शहर सुल्तानपुर से आए सुनार के लापता होने के मामले में भी अभी तक पुलिस कोई सुराग नहीं लगा पाई है। मामले की जांच में जुटे एडीसीपी सिटी-वन परमपाल सिंह और एसीपी साउथ बालकिशन सिंगला ने दूसरे दिन भी सुनार के साथ हुई लूट की वीडियो रिकॉर्डिग देखी और अपने सूत्रों से लुटेरों का पता लगाने का प्रयास किया। पुलिस ने क्राइम रिकॉर्ड ब्रांच से भी लूट के मामले में शामिल रह चुके हिस्ट्रीशीटरों का रिकॉर्ड मंगवाया है।