Move to Jagran APP

एक घंटा पुलिस के सामने दनदनाते रहे लुटेरे

महिंदर पाल सिंह, अमृतसर सुल्तानविंड रोड पर मंगलवार रात लुटेरों ने डेढ़ घंटे में दो लूट की वारदातों

By Edited By: Published: Thu, 27 Nov 2014 03:06 AM (IST)Updated: Thu, 27 Nov 2014 02:40 AM (IST)
एक घंटा पुलिस के सामने दनदनाते रहे लुटेरे

महिंदर पाल सिंह, अमृतसर

loksabha election banner

सुल्तानविंड रोड पर मंगलवार रात लुटेरों ने डेढ़ घंटे में दो लूट की वारदातों को अंजाम दिया। जिस समय मोहन नगर में एडीसीपी से लेकर एसएचओ रैंक के अधिकारी के घर में हुई लूट की जांच कर रहे थे। उसी समय लुटेरों ने इस जगह से आधा किलोमीटर दूर सुनार की दुकान में लूट की वारदात को अंजाम देकर पुलिस को खुली चुनौती दी है। दोनों ही वारदातों में कई समानताएं हैं। जिससे यह साबित होता है कि एक गैंग ने ही दोनों वारदातों को अंजाम दिया है। लुटेरे वारदात को अंजाम देने से पहले अपना होमवर्क करके आए थे। दोनों ही वारदातों में उन्होंने केवल दो मिनट ही लगाए।

मोहन नगर में आर्टीफिशियल ज्वैलरी का काम करने वाले हरजीत सिंह अपने बेटों के साथ काम पर गए थे। लुटेरों को पता था कि हरजीत सिंह की पत्नी कंवलजीत कौर घर में अकेली है। इतना ही नहीं लुटेरे यह भी जानते थे कि हरजीत सिंह के बड़े बेटे को लोग भाजी कहकर बुलाते हैं। इसलिए लुटेरों ने डोर बेल बजाते ही कंवलजीत कौर से कहा कि उन्होंने भाजी से मिलना है। यह सुनते ही कंवलजीत कौर ने दरवाजा खोल दिया। इसके बाद लुटेरों को मालूम था कि जेवरात किस अलमारी में है। उन्होंने उसी अलमारी को खोला। दो लाख रुपये के जेवरात लेकर फरार हो गए।

एडीसीपी से लेकर थाना बी डिवीजन और सुल्तानविंड की सारी पुलिस फोर्स मोहन नगर में जमा थी। वारदात गली में हुई थी। पुलिस की गाड़ियों की सड़क पर लाइन लगी हुई थी। मगर लुटेरे इतने बेखौफ निकले कि मोहन नगर के सामने सड़क के पार पहुंचे। नौ बज कर 24 मिनट पर गुरु नानक ज्वैलर के मालिक परमजीत सिंह की दुकान में दाखिल हुए। लुटेरों ने दस लाख का सोना व जेवर केवल डेढ़ मिनट में लूटे और फरार हो गए। परमजीत अपने पिता जगदीश सिंह के साथ बैठा हुआ था। लुटेरे इतने भेदी थे कि लोई लेकर बैठे जगदीश को पहचानते थे। उन्होंने सुनार से कहा कि उन्हें सोना और जेवरात नहीं दिए तो उसके पिता को मार देंगे। इसके अलावा लुटेरों ने सबसे पहले उस अलमारी को खोला। जिसमें कमेटी का 200 ग्राम सोना पड़ा हुआ था। सोना लेने के बाद केवल वही तीली कोके उठाए, जो सोने के थे। बाकी जेवरात वही पर फेंक दिए। जब भाग रहे लुटेरों का परमजीत सिंह ने पीछा करने का प्रयास किया तो एक लुटेरा वापस लौटा और तलवार से हमला कर दिया। सुनार और उसके पिता ने हाथ जोड़ कर अपनी जान छुड़ाई। एडीसीपी सिटी वन परमपाल सिंह का कहना है कि पुलिस द्वारा दोनों ही मामलों में जांच जारी है। जल्द ही लुटेरों को काबू कर लिया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.