पहले दिन 31 किसान बैठे भूख हड़ताल पर
जागरण संवाददाता, तरनतारन : सरकार कृषि सेक्टर को लगातार नजरअंदाज कर रही है। नई आर्थिक नीति के तहत कृषि व ग्रामीण विकास निवेश लगातार घटाया जा रहा है। वर्ष 2013 में निवेश की दर 34 फीसद थी, जो अब तक 4 फीसद रह गई है। यह कहना है कि कुलहिंद किसान सभा के जिला अध्यक्ष कामरेड महावीर सिंह व सचिव जयमल सिंह बाठ का।
तरनतारन जिले के डीसी कार्यालय के समक्ष तीन दिवसीय भूख हड़ताल के पहले दिन 31 किसानों ने भूख हड़ताल में शामिल हुए। इस दौरान कामरेड महावीर सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार पिछले 10 साल से कृषि यूनिवर्सिटी के बजट में लगातार कटौती कर रही है। उन्होंने कहा कि बासमती की फसल अधिक होने के कारण इसकी ब्रिकी में मुश्किलें आ रही है। सरकार को चाहिए कि बासमती की सीधी खरीद यकीनी बनाए व बासमती का दाम 3000 प्रति क्विंटल निर्धारित किया जाए। उन्होंने मांग की कि किसानों क ो धान पर 500 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से बोनस भी दिया जाए। इस दौरान केंद्र व पंजाब सरकार के खिलाफ किसानों ने नारेबाजी करते हुए चेतावनी दी कि अगर कृषि को बचाने के लिए कदम न उठाए गए तो संघर्ष को और तेज किया जाएगा। मौके पर कामरेड दीवान सिंह, कुलबीर सिंह,कश्मीर सिंह, हरबिंदर सिंह, चन्नन सिंह, मेजर सिंह, सुखवंत सिंह, गुरदेव सिंह, हरमिंदर सिंह, दर्शन सिंह, तरसेम सिंह, दलजीत सिंह आदि उपस्थित थे।