इनाम की राशि पर उधार का खेल
धर्मवीर सिंह मल्हार, तरनतारन :
ग्लासगो राष्ट्रमंडल खेलों में नाम कमाने वाले हरियाणा के खिलाड़ियों को वहां के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मान बख्शा। दूसरी तरफ पंजाब के खिलाड़ियों के साथ बादल सरकार इनाम की राशि पर भी उधार का खेल खेल रही है। अब तो खिलाड़ी हरियाणा का रुख ही करते देखे जा सकते हैं। यह कहना है राष्ट्रमंडल खेलों में कुश्ती के क्षेत्र में कांस्य पदक जीतने वाली तरनतारन की नवजोत कौर का।
दैनिक जागरण के साथ भेंटवार्ता में शुक्रवार को कुश्ती खिलाड़ी नवजोत कौर ने कहा कि खेलों को प्रोत्साहित करने के नाम पर कबड्डी विश्वकप मनोरंजन का क्षेत्र बनकर रह गया है। पंजाब के खिलाड़ियों को सूबा सरकार सम्मान नहीं दे रही। राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को हरियाणा सरकार ने 25 लाख का सम्मान दिया है। पंजाब में इसी पदक के विजेताओं के लिए 6 लाख का ऐलान किया गया, मगर यह राशि देने में भी सरकार खिलाड़ियों से उधार कर रही है। अभी तक सरकार ने घोषित 6 लाख की राशि नहीं दी है। अगर खिलाड़ियों का मनोबल नहीं बढ़ेगा तो उनसे जीत की क्या उम्मीद रखी जा सकती है।
भावुक हुई नवजोत कौर ने कहा, 'हरियाणा विच्च खडारीआं नूं डीएसपी रैंक दित्ता जा रिहा है, पर मैनूं किते शपाटन तक नहीं लगाया।' तरनतारन के गांव बागड़ियां निवासी सुखचैन सिंह की बेटी नवजोत कौर हाल ही में लखनऊ पहुंच कजाकिस्तान में होने वाली वर्ल्ड चैंपियनशिप की तैयारी में जुटी है। नवजोत कौर की मां ज्ञान कौर का कहना है कि खिलाड़ियों को पंजाब में सम्मान नहीं मिल रहा। कुछ दिन पूर्व पंजाब सरकार की एक चिट्ठी आई थी। इसमें नवजोत कौर को मेडल जीतने की बधाई दी गई है। घोषित 6 लाख की राशि कब दी जाएगी, उसका कोई जिक्र नहीं।
उधर नवजोत कौर के कोच अशोक कुमार काला वलीपुरिया का कहना है कि 2004 में नवजोत खेलों के क्षेत्र में आई थी। एक वर्ष बाद उसने रिकॉर्ड बनाने शुरू कर दिए, मगर सरकार ने योग्य सम्मान नहीं दिया। उधर नवजोत कौर का कहना है कि पंजाब सरकार द्वारा सम्मान न दिए जाने पर खिलाड़ी अब हरियाणा का रुख करने को तैयार हैं।