गोलियों से 'छलनी' अमन की 'लौ'
अशोक नीर, अमृतसर
पाकिस्तान फौज की गोलियों से अंतरराष्ट्रीय अटारी सड़क सीमा पर भारत-पाकिस्तान दोस्ती का पैगाम देने वाली 'कैंडल लाइट' की लौ मद्धम पड़ गई है। गत 18 वर्षो से हिंद-पाक दोस्ती मंच द्वारा दोनों देशों के लोगों के बीच दूरियों को कम करने के प्रयास किए जा रहे हैं। पुंछ सेक्टर में पाकिस्तान फौज द्वारा पांच भारतीय फौजियों को शहीद करने की घटना ने इन प्रयासों को कमजोर किया है।
अंतरराष्ट्रीय अटारी सड़क सीमा पर 14 अगस्त की रात को दोनों देशों के बुद्धिजीवियों द्वारा कैंडल लाइट जला कर प्यार का संदेश दिया जाता है। इस बार यह कैंडल लाइट तो जलेगी। लेकिन इस कार्यक्रम से पहले आयोजित सभ्याचारक कार्यक्रम को हिंद-पाक दोस्ती मंच के जनरल सेक्रेटरी सतनाम माणक ने रद करने की घोषणा कर दी है। इस सभ्याचारक कार्यक्रम में भारत व पाकिस्तान के लोक गायक दोनों देशों के सदियों पुराने संबंधों को सूफी गायकी, लोक गीतों, लोक संगीत के साथ याद करवाते हैं।
गत 18 वर्षो से यह दूसरा अवसर है कि जब 13 अगस्त की रात को अटारी सड़क सीमा पर सभ्याचारक कार्यक्रम नहीं होगा। पिछले 18 वर्षो के दौरान पाकिस्तान की तरफ से कई बार कैंडल लाइट जलाने के लिए कोई भी व्यक्ति नहीं पहुंचा। इसके बावजूद वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैयर के नेतृत्व में भारतीय सांसदों, पत्रकारों, बुद्धिजीवियों, कलाकारों व आम लोगों का एक काफिला अटारी सड़क सीमा पर कैंडल लाइट के लिए पहुंचता रहा है।
इस बात की जानकारी देते हुए सतनाम सिंह माणक ने कहा कि पांच भारतीय फौजियों की शहादत से हिंद-पाक दोस्ती मंच को गहरी ठेस पहुंची है। सैनिकों की शहादत को देखते हुए सभ्याचारक कार्यक्रम रद किए जा रहे हैं। कैंडल लाइट का कार्यक्रम होगा। पाकिस्तान की तरफ से कैंडल लाइट के लिए कौन लोग पहुंचेंगे, इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। शायद इस बार पाकिस्तान की सरकार कैंडल लाइट के लिए वहां के हिंद-पाक दोस्ती मंच व अन्य संगठनों के पदाधिकारियों को अंतरराष्ट्रीय सीमा की तरफ आने की आज्ञा न दें।
हिंद-पाक दोस्ती मंच शहीदों के परिवारों के साथ डट कर खड़ा है। वह देश की भावनाओं के साथ है। 13 अगस्त की शाम को स्प्रिंग डेल स्कूल में आयोजित सभ्याचारक कार्यक्रम रद करने का निर्णय किया गया है। सतनाम माणक ने कहा कि पुंछ सेक्टर में हुई घटना के पीछे पाकिस्तान की एक ऐसी लॉबी का हाथ है जो दोनों देशों के बीच शांति स्थापित करने की सबसे बड़ी दुश्मन है।
इस अवसर पर फोकलोर रिसर्च अकादमी के रमेश यादव व पंजाब जागृति मंच के दीपक बाली आदि मौजूद थे।
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