world water Day 2019: ममता बनर्जी ने कहा- जल संरक्षण के लिए बंगाल में बनाए गए 2.62 लाख जलाशय
विश्व जल दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया है कि जल संरक्षण के लिए उनके सरकार की प्रतिबद्धता ने राज्य में पानी के संरक्षण के लिए कई सारे सुधारवादी कदम उठाया है।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। विश्व जल दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया है कि जल संरक्षण के लिए उनके सरकार की प्रतिबद्धता ने राज्य में पानी के संरक्षण के लिए कई सारे सुधारवादी कदम उठाया है।
शुक्रवार सुबह मुख्यमंत्री ने इस बारे में ट्वीट किया। ममता ने लिखा कि आज विश्व जल दिवस है। जल संरक्षण के लिए बंगाल में ''जल धरो जल भरो ’योजना अत्यधिक सफल रही है। अब तक, 2.62 लाख जलाशय बनाए गए हैं या उनका नवीनीकरण किया गया है।
उल्लेखनीय है कि राज्य पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग द्वारा शुरू की गई जल धरो जल भरो योजना, बंगाल में चालू वित्त वर्ष के दौरान अब तक 2.62 लाख लोगों को फरवरी महीने के अंत तक जल संरक्षण संरक्षण के लिए काम पर लगा चुकी है। वित्तीय वर्ष 2018-19 में, 29,135 जलाशयों को खोदा और पुनर्निर्मित किया गया है।
विभाग की ओर से बताया गया है कि "जल धरो जल भरो" परियोजना को आधिकारिक तौर पर 2011 में शुरू गया था, जिस साल तृणमूल कांग्रेस ने राज्य सरकार की कमान संभाली थी। उसके बाद से आज तक यह राज्य की ग्रामीण आबादी के लिए एक बड़ा वरदान रहा है। परियोजना का मुख्य उद्देश्य जल संरक्षण है। इस परियोजना के तहत कई टैंकों, तालाबों, जलाशयों और नहरों का निर्माण किया गया है। परियोजना का एक प्रमुख बिंदू जलाशयों के निर्माण के लिए रोजगार प्रदान करना है। जो लोग नहरों की खुदाई में लगे हुए हैं, उन्हें 100-दिवसीय कार्य योजना (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत काम मिल रहा है। इन जलाशयों का उपयोग मछली और जानवरों के पालन और सिंचाई के लिए किया जाता है।
2,305 लघु सिंचाई परियोजनाओं की सहायता से, अब तक 74,606 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई के तहत लाया गया है। इस योजना के परिणामस्वरूप बीरभूम, बांकुड़ा, पुरुलिया, झाड़ग्राम और पश्चिम मेदिनीपुर जिलों के विशाल क्षेत्रों को सिंचाई के जल मिलना सुनिश्चित किया गया है। वहां 786 लघु सिंचाई परियोजनाओं की मदद से 25,319 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई के तहत लाया गया है। इन जिलों में, उचित जल उपयोग ने धान की खेती में वृद्धि और कई फलों के बाग लगाने की सुविधा प्रदान की है।